किसानों के लिए गुड एग्रीकल्चर प्रैक्टिस कार्यशाला का आयोजन शेखा पर सम्पन्न

हरिगढ़। भारत सरकार के एपीडा द्वारा संस्थापित बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान (BEDF), मोदीपुरम, मेरठ ने कौशल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत बासमती धान मे लगने रोगों के निवारण तथा रासायनों का उपयोग मानक के अनुरूप करने की गुड एग्रीकल्चर प्रैक्टिस (गैप) की कार्यशाला का आयोजन ब्रजकिसान एफ पी ओ, शेखा, अलीगढ़ के सभागार मे आयोजित किया गया। जिसमे 15 गांव के 92 कृषकों ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला मे BEDF के वैज्ञानिक अधिकारी श्री नेत्रपाल शर्मा जी ने कृषकों को बासमती धान की नर्सरी से पूर्व बिजोपचार से लेकर हारवेसटिंग तक निर्यात योग्य उत्पादन हो सके इसकी सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की।
श्री शर्मा ने बताया की भारत से बासमती का निर्यात 60 लाख मेट्रिक टन हुआ जिससे 50113 करोड़ की धनराशि अर्जित हुई।
एफ पी ओ के निदेशक संतोष सिंह ने बताया कि कृषि मे उपयोग होने वाले अंधाधुंध घातक रसायनों के उपयोग से कृषि, भूमि, जल, वायु तथा अंततः मानव स्वास्थ्य निरंतर प्रभावित हो रहा है।
एक ओर कृषकों की लागत बढ़ रही है तो दूसरी ओर पर्यावरण तथा मानव स्वास्थ्य पर कुप्रभाव पड़ रहा है।
इन सब विषयों को देखते हुए ब्रजकिसान एफपीओ द्वारा समय समय पर सीजन की फ़सलों मे कृत्रिम रसायनों के संतुलित उपयोग करने तथा बायो फ़र्टिलाइज़र व बायोपेस्टी साइड के अधिक उपयोग करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में दिनेश सिंह, सूरज पाल सिंह, एन पी सिंह, मनोज प्रताप, शुभम शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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