द्वापर युगीन आभा में नजर आयी गिरिराज तलहटी

गोवर्धन पूजा महोत्सव में उमड़े देशी-विदेशी हजारो भक्त

– द्वापर युगीन भाव से भक्तो ने की गोवर्धन पूजा, लाखों भक्तों ने आस्था से लगाई गिरिराज जी की सप्तकोसीय परिक्रमा

गोवर्धन। देश विदेश से आये लाखो भक्तो ने मृदंग, ढोल, मझीरा और थाप की धुन के बीच मुख से निकलते हरि बोल के स्वर। कोई राधा तो कोई ललिता , विसाखा। लिवास के भारतीय परिधान पहने और दही की मटकी और भोग की छबरी सिर पर रख। प्रभु की भक्ति में गिरिराज तलहटी की ओर कदम भी रोके नहीं रूक रहे थे। 26 अक्टूबर ,बुधवार को ऐसा नजारा गोवेर्धन की गिरिराज नगरी मै देख बस यही लग रहा था कि एक बार फिर से गोवर्धन में द्वापर युग अवतरित हो गया है। गोवर्धन पूजा के भाव में गो-संवर्धन के प्रमुख केन्द्र गिरिराज महाराज की तलहटी में जहां लाखों श्रद्धालुओं भक्तो ने पहुंचकर गोवर्धन की सपकोसिय परिक्रमा लगाई। गिरिराज जी की पूजा का स्थल अनूठा नजर आया। इस बार दीपावली के एक दिन छोड़कर गोवर्धन पूजा महोत्सव मनाया गया। अंतर्राष्ट्रीय गौड़ीय वेदांत समिति के तत्वावधान में गिरधारी गौड़ीय मठ से हर बार की तरह गोवर्धन पूजा शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में कई देशों से आये विदेशी भक्त अपना गुरू भक्ति में नाम बदलकर ब्रज के रंग में रंगे नजर आये। उनकी भेषभूषा भी ऐसी हो गई कि पहिचान करना भी परे था कि ये परदेशी हैं। मन के मुख से हरिबोल और गिरिराज पूजा के भाव को उमड़ता देख हर कोई गद्गद हो गया। गिरिराज जी के अभिषेक के चरणामृत का पान करने के लिए हर कोई लालायित दिखा। वही यह यात्रा गिरधारी गौड़ीय मठ से निकाली गई शोभायात्रा हरिगोकुल मंदिर से परिक्रमा मार्ग के राजा जी के मंदिर के पीछे गिरिराज जी की तलहटी में पहुंची। जहां गिरिराज जी का कई मन दूध, दही, शहद आदि के साथ अभिषेक किया। तलानेके प्रकार के व्यंजन भक्तो ने गिरिराज जी को अर्पित किये। जयपुर से से आई युवती मीनाक्षी ने बताया कि वे गिरिराज जी के लिए घर से पकवान बनाकर लाई हैं। उनकी बस एक ही कामना है कि कैसे उनकी गिरिराज जी भक्ति बढ़ती जाये। अमेरिका से आई तुलसी दासी, आस्ट्रेलिया से आई विसाखा दासी ने बताया कि यहां गुरू दीक्षा के बाद उनके नाम गुरू जी के निर्देश पर ही रखे गये हैं। ये नाम ठाकुर जी के नाम हैं।
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ब्रज के घर घर मै बने गोबर के बने गोवर्धन महाराज
गोवर्धन। गो संवर्धन केन्द्र गोवर्धन में बुधवार की रात्रि को गाय के गोबर ने बने गोवर्धन महाराज का पूजन सामुहिक रूप ब्रज के घर-घर में किया गया। जहां दिन में गिरिराज जी तलहटी में दुग्धाभिषेक व पूजा अर्चना की गई वहीं रात्रि में घर-घर गोबर के गोवर्धन महाराज का पूजन किया। चलो रे चलो आज गोवर्धन पूजा करेंगे के गायन पर सभी पूजा की।
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