सत्ता के दबाब में कार्य कर रहा आगरा प्रसाशन,आंदोलन की चेतावनी
हाथरस। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ आगरा प्रशासन द्वारा अमानवीय व्यवहार पर एनएसयूआई कार्यकर्ता गुस्से आ गये और उन्होंने महामहिम राज्यपाल के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौपकर दर्ज मुकद्दमे को वापस लेने एवँ आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही करने की मांग की। उन्होंने आंदोलन की चेतावनी भी दी है।
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवँ प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा प्रवासी मजदूरों को उनके घर वापसी हेतु उत्तर प्रदेश सरकार से अपनी 1000 बसें चलाने की अनुमति मांगी थी। प्रियंका गांधी के अथक प्रयासों एवँ काफी बहस के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने दबाव में आकर बसों की मंजूरी दे दी इसके बावजूद प्रवासी मजदूरों हेतु बसें जब आगरा जनपद के फतेहपुर सीकरी बॉर्डर पर पहुंची तो आगरा प्रशासन ने बसों को आगे नहीं बढ़ने दिया। यह जानकारी मिलते ही उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं विधायक अजय कुमार लल्लू एवँ कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव रोहित चौधरी कुछ अन्य नेताओं के साथ बॉर्डर पर पहुंच गए और प्रशासन से बातचीत की । आगरा प्रशासन द्वारा उपरोक्त नेताओं की बात नहीं सुनी और बसों को आगे नहीं बढ़ने दिया गया। प्रदेश अध्यक्ष एवँ मौजूद कांग्रेस नेताओं द्वारा प्रशासन से बार-बार आग्रह किया गया किंतु सत्ता के दबाव में आगरा प्रशासन द्वारा प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और उनके साथ दर्जनों नेताओं पर जबरन बल प्रयोग करके गाड़ी में डाल दिया गया और उन्हें आगरा पुलिस लाइन में बंद कर दिया गया। जिन्हें सुबह 11:00 बजे तक छोड़ा भी नहीं गया। आगरा प्रशासन का रवैया एक राष्ट्रीय पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के साथ ठीक नहीं है। प्रशासन ने सत्ता के दबाव में आकर कांग्रेस के नेताओं पर जो मुकदमा दर्ज किया है वह नितांत गलत है। यदि इसी प्रकार से प्रशासन ने सत्ता के दबाव में आकर आवाज दबाने का कार्य किया तो कांग्रेस एवं कांग्रेस छात्र संगठन चुप नहीं बैठेगा और एक बडे आंदोलन के लिए मजबूर होगा जिसकी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होगी । ज्ञापन देने वालों में एनएसयूआई केवप्रदेश सचिव आदित्य शर्मा ,शरद उपाध्याय नंदा, करूणेश मोहन दीक्षित आदि थे।