भगवान शिव की आराधना का माह श्रावण मास में रुद्राभिषेक करना अत्यंत शुभ माना जाता है। सावन महीने में भोलेनाथ का रुद्राभिषेक कर उनकी विशेष कृपा मिलती है।
पं हेमेंद्र मिश्र
महंत मंदिर श्री राजराजेश्वरी पीतांबरा देवी
हिंदू धर्म में भगवान शिव के रुद्राभिषेक का एक विशेष स्थान है। वैसे तो इस पूजा का महत्व आम समय में ही बहुत होता है मगर सावन के महीने में रुद्राभिषेक करने का महत्व और भी बढ़ जाता है। श्रावण मास शुरू हो चुका है और इस दौरान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ती होती है। रुद्राभिषेक, भगवान शिव की पूजा का एक अनुष्ठान है, जिसमें 108 पवित्र द्रव्यों से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। रुद्राभिषेक करने का सबसे पहला नियम यह है कि इसे करने के लिए शुभ दिन का चयन करना चाहिए। इस पूजा को करने के लिए सावन के महीने में सोमवार का दिन बेहद शुभ माना जाता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि इस साल के सावन महीने में भगवान शिव की विशेष कृपा पाने के लिए किस दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक कर सकते हैं।
श्रावण मास में कब कर सकते हैं रुद्राभिषेक
श्रावण मास के चार सोमवार बचे हुए हैं 29 जुलाई, 5 अगस्त, 12 अगस्त और 19 अगस्त। रुद्रभिषेक करने के लिए ये चारों दिन बहुत शुभ है। इन दिनों को सावन सोमवार कहा जाता है और इन तारीखों में रुद्राभिषेक करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। इसके बाद 2 अगस्त को सावन शिवरात्रि मनाई जाएगी। यह भगवान शिव के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है और इस दिन रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है। 9 अगस्त को नागपंचमी का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन भी रुद्राभिषेक करना शुभ माना जाता है। ऐसे में ये कह सकते है कि 29 जुलाई,2 अगस्त, 5 अगस्त, 9 अगस्त, 12 अगस्त और 19 अगस्त को रुद्राभिषेक करना शुभ होगा।
रुद्राभिषेक में इस्तेमाल होने वाली सामग्री
भगवान शिव के रुद्राभिषेक एक ऐसी पूजा है जिसमें कई पवित्र द्रव्यों का प्रयोग होता है। गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत, चंदन, तिल, धान, बूरा , कुमकुम, बेल पत्र, कमल के फूल, शमी के पत्ते आदि का इस्तेमाल होता है। इसके अलावा कलश, नारियल, पंचरत्न, सिक्के, अक्षत, रोली, चंदन, लाल धागा आदि की भी जरूरत पड़ती है।
श्रावण मास में रुद्राभिषेक के लाभ
रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। अगर पारिवारिक और वैवाहिक जीवन में परेशानियां चल रही हैं, या फिर किसी वजह से करियर में आप ग्रोथ नहीं कर पा रहे हैं तो आपकी ये सभी परेशानियां रुद्राभिषेक करने से दूर हो सकती हैं। रुद्राभिषेक करने से ग्रहों के दुष्प्रभाव दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है और राहु-केतु और शनि जैसे ग्रह भी शांत होते हैं। भगवान शिव की रुद्राभिषेक करने से रोगों का नाश होता है और स्वास्थ्य लाभ होता है।
पं हेमेंद्र मिश्र
महंत मंदिर श्री राजराजेश्वरी पीतांबरा देवी