गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु स्वयं सहायता समूहों को जोड़ा जाये : डीएम

सहायता समूह द्वारा गाय के गोबर से लकड़ी बनाने (गौ-कास्ट) का किया निरीक्षण

हाथरस । विकास खण्ड सासनी की पराग डेयरी में स्थित अस्थाई गौशाला एवं गौशाला में उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत श्री जय माँ लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह द्वारा गाय के गोबर से लकड़ी बनाने (गौ-कास्ट) का निरीक्षण कर जिलाधिकारी अर्चना वर्मा ने आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
गौशाला के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने खण्ड विकास अधिकारी तथा सहायक विकास अधिकारी को गौशाल में संरक्षित गौवंश हेतु पर्याप्त मात्रा में चारा एवं पीने हेतु पानी उपलब्ध कराने के कड़े निर्देश दिए। उन्होंने गौवंश हेतु हरे चारे की व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा पशुओं का नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण एवं टीकाकरण/ईयर टैगिंग कराने के निर्देश दिए। आगामी ग्रीष्म ऋतु के दृष्टिगत संरक्षित गौवंश को गर्मी से बचाव हेतु आवश्यक व्यवस्थाऐं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
इसके पश्चात् उन्होंने पराग डेयरी स्थित अस्थाई गौशाला में उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत श्री जय माँ लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह द्वारा गाय के गोबर से लकड़ी बनाने (गौ-कास्ट) का जिलाधिकारी ने निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से वार्ता की। जिलाधिकारी ने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गाय के गोबर से बनी लकड़ियां का उपयोग होलिका दहन एवं अन्य कार्यों में किया जोयगा, जिससे कि पर्यावरण को हानि नहीं होगी और छोटी-छोटी आवश्यकताओं के लिये पेड़ों को नहीं काटना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश यही है कि गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए, इसके साथ ही स्वयं सहायता समूहों को रोजगार से जोड़ा जाए। इसी क्रम में यह प्रोजेक्ट प्रारम्भ किया गया है। यह एक पायलट प्रोजेक्ट है, जनपद में बड़ी-बड़ी गौशालाऐं बनी है उनमें भी इसी तरह के प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे ताकि गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके जिससे महिलाओं को भी रोजगार मिल सके।
इस अवसर पर उप जिलाधिकारी सासनी अंजली गंगवार, खण्ड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी आदि उपस्थित रहे।
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