मजबूत राष्ट्र का नर्माण के लिये नशे जैसी चीज को जड़़ से उखाड़ फेंकें

हाथरस । युवा कार्यक्रम एवं भारत सरकार की खेल इकाई नेहरू युवा केन्द्र, हाथरस की जिला युवा अधिकारी दिव्या शर्मा के तत्वाधान में स्थानीय मुद्दों पर आधारित कार्यशाला पर विचार गोष्ठी का आयोजन सासनी के ज्ञान दीप आई०टी०आई कॉलेज में किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि चिकित्सा अधीक्षक दलवीर सिंह ने सरस्वती जी के छविचित्र पर मार्ल्यापण एवं दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
मुख्य अतिथि चिकित्सा अधीक्षक दलवीर सिंह ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में जिस प्रकार से बेरोजगारी बढ़ी है उसके निराकरण का एक ही उपाय है अपने कौशल का विकास करना ताकि हम अपने हुनर से अपना विकास कर सकें। उन्होंने यह भी बताया कि आप युवा कल की आशा हैं। वे राष्ट्र के सबसे ऊर्जावान भाग में से एक हैं और इसलिए उनसे बहुत उम्मीदें है। सही मानसिकता और क्षमता के साथ युवा राष्ट्र के विकास में योगदान कर सकते हैं और इसे आगे बढ़ा सकते हैं। मानव सभ्यता सदियों से विकसित हुई है। हर पीढ़ी की अपनी सोच और विचार होते हैं। हालंकि एक तरफ मानव मन और बुद्धि समय गुजरने के साथ काफी विकसित हो गई है वहीं लोग भी काफी बेसब्र हो गए है। आज का युवा प्रतिभा और क्षमता वाला हैं, लेकिन इसे भी आवेगी और बेसब्र कहा जा सकता है। आज का युवा सीखने और नई चीजों को तलाशने के लिए उत्सुक है। अब जब वे अपने बड़ों से सलाह ले सकते है। तो वे हर कदम पर उनके द्वारा निर्देशित नहीं होना चाहते हैं।
जिला युवा अधिकारी दिव्या शर्मा ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण को बेहद आसान शब्दों में परिभाषित किया जा सकता है कि इससे महिलाएं शक्तिशाली बनती है जिसे वह अपने जीवन से जुडे सभी फैसले स्वयं ले सकती है और परिवार और समाज में अच्छे से रह सकती है। समाज में उनके वास्तविक अधिकार को प्राप्त करने के लिए उन्हें सक्षम बनाना है। महिला सशक्तिकरण का अर्थ महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है ताकि उन्हें रोजगार, शिक्षा, आर्थिक तरक्की के बराबरी के मौके मिल सके, जिससे वह सामाजिक स्वतंत्रता और तरक्की प्राप्त कर सके। यह वह तरीका है, जिसके द्वारा महिलाएं भी पुरूषों की तरह अपनी हर आकांक्षाओं को पूरा कर सके।
अंकित सिंह ने युवाओां को संबोधित करते हुये कहा कि डिजिटल साक्षरता यानि डेस्कटॉप, पीसी, लैपटॉप, स्मार्टफोन और टैबलेट जैसे इलैक्ट्रॉनिक्स उपकरणों का ज्ञान होना चाहिए। यदि लोगों को इन सभी उपकरणों का ज्ञान नहीं होगा तो वे इनका ठीक से उपयोग नहीं कर पाएंगे। इस डिजिटल भारत अभियान के तहत भारत के ग्रामीण परिवारों को शामिल करने का लक्ष्य है। आज के आधुनिक युग में जिस देश ने विज्ञान और तकनीक को अपना लिया है, वह देश एक शक्तिशाली और महासत्ता बनकर उभरा है। इसी कारण हमें ऐसे अभियानों की जरूरत है, जो भारत को डिजिटल रूप से मजबूत बनाए।
डा० चतुर सिंह ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम आप सभी को एक ऐसे विषय के बारे में बताना चाहता हूँ कि जिसने हमारे देश के अधिकतर युवाओं को बर्बाद कर के रख दिया है, आज हम आप सभी को नशे के हर पहलू से अवगत कराना चाहता हूँ कि भारत में यह जहर बिल्कुल हवा के भांति फैल रहा है, हमारे देश का उज्जवल भविष्य युवाओं पर टिका होता है। अगर देश की युवा पीढ़ी ही गलत रास्ते पर जाने लगे तो निश्चित ही उनका भविष्य अंधकार में चला जाता है। हमारे देश का युवा वर्ग को जिंदगी के हर पहलू को जीने की इच्छा होती है। युवा वर्ग नशे को अपनी शान समझते है। वे शराब, गुटखा, तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट का नशा करते है। उनकी पार्टी नशे के बगैर अधूरी है। हम सभी देश का भविष्य हैं, हमें नशे जैसी चीज को एक शौक के रूप में भी प्रयोग नहीं करना चाहिए। हमें जितना हो सके इससे दूर ही रहना चाहिए और ज्यादातर युवाओं को जागरूक करना चाहिए। अगर हमें एक मजबूत राष्ट्र का नर्माण करना है, तो हमे नशे जैसी चीज को जड़़ से उखाड़ फेंकना चाहिए।
साहब दयाल सिंह ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि पानी हर जीवित प्राणी के लिए बहुत जरूरी है। जल के बिना जीवन संभव नहीं है और ऐसे में अगर पानी की कमी हो जाए तो धरती में जीवन का संकट पैदा हो सकता है। आज भी बहुत से स्थानों पर लोग पानी की कमी की वजह कई समस्याओं का सामना रहे हैं, इसलिए हम सबकी यह जिम्मेदारी बन जाती है कि हम पानी के महत्व को समझें और उसके संरक्षण में जितना हो सके योगदान दें। पृथ्वी पर सभी लोगों को जीवन और अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जल संरक्षण किया जाना बहुत आवश्यक है। अगर पानी को संरक्षित न किया जाए तो सभी जीवित प्राणियों के लिए फिर जीवन संभव नहीं होगा। चाहे कोई भी हो हर किसी को पानी की आवश्यकता जीवन भर रहती है।
स्वास्थ्य विभाग से आये गौरव ने युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आंतरिक स्त्रोंतो द्वारा होने वाले रोग जैविक या उपापचयी रोग कहलाते हैं, जैसे-हदयाघात, गुर्दे का खराब होना, मधुमेह, एलर्जी, कैंसर आदि ंऔर बाहरी कारकों द्वारा होने वाले रोगों में ,मोटापा, रतौंधी, स्कर्वी आदि बीमारियों की संक्षेप में जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम में अम्बे रावत, दीक्षा रावत, माधुरी, सपना, रेखा, मोहिनी, राजकुमारी, काजल, मोनिका, सविता, कंचन, हिमांशू प्रसाद, यश, नरेश, विष्णु, सजीव, प्रदीप रवि, आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मोनी रावत ने किया।
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