हाथरस। बीते दिनों कलवारी रोड स्थिति भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में हुई 145 बन्दरों की मौत के मामले में अब जांच तेज हो गई है। शासन ने भी मामले का संज्ञान लिया है। विभागीय अधिकारियों से जांच रिपोर्ट मांगी है। वही आज वहीं इस मामले में आज पशुपालन विभाग की टीम एफसीआई के गोदाम पहुँच गयी है। जहाँ से यह टीम गड्डों को खोदकर कुछ बन्दों के शवों को निकालकर पोस्टमार्टम करेगी ताकि बन्दरों के मौत का कारण पता चल सके।
कल मण्डलीय प्रबन्धक शिवानी ने एफसीआई की विभागीय दो सदसीय जांच कमेटी गठित की थी तथा सीडीओ अलीगढ़ एवं प्रभारी संभागीय खाद्य नियंत्रक प्रखर कुमार सिंह ने चार सदसीय कमेटी का गठन किया। गोदाम प्रबन्धक नीरज शर्मा का दावा है कि गेहूँ को घुन व अन्य कीटों से बचाने के लिए एल्यूमिनियम फार्स्टफाइड (सल्फास) की दवा लगाकर उपर से पैकिंग कर दी थी। गोदाम के टूटे गेट व रोशन दान से बन्दर उसमें घुस गये और पैकिंग को फाड़ दिया जिससे गोदाम में बनी गैस से बन्दरों की मौत हुयी है। वहीं विहिप व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि रसायन गैस के असर से गेहुँ भी जहरीला हो गया है जिसे खाने से बन्दरों की मौत हुयी है। जिसके क्रम में विवेचक ने एसडीएम से बन्दरों के पोस्टमार्टम कराने की अनुमति मांगी है। खाद्य निगम के गोदाम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्यान उठाया जाता है। इस गोदाम में लगभग 12 हजार मैट्रिक तन अनाज है। हर माह इस गोदाम से लगभग 5600 मैट्रिक टन गेहूँ जिले के 2.80लाख राशन कार्ड धारको को बॉटा जाता है।