हाथरस। श्री सहस्त्रबाहु जी महाराज सेवा समिति द्वारा सहस्त्रबाहु अर्जुन का जन्मोउत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर बड़ी कोठी बिहारी जी पर दीप दान उत्सव मनाया गया एवँ भजन कीर्तन के उपरांत प्रसादी बांटी गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ सहस्त्रबाहु जी महाराज की मूर्ति पर पुष्पमाला अर्पित कर हुआ।वक्ताओं ने बताया कि कार्तिक शुक्ल सप्तमी तिथि को सहस्त्रबाहु अर्जुन की जयंती मनाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार पुराने समय में सहस्त्रबाहु अर्जुन नर्मदा नदी के किनारे बसे महिष्मती नगर के राजा थे। महष्मती यानी मध्य प्रदेश का शहर महेश्वर।
सहस्त्रबाहु अर्जुन का ये नाम इनके एक हजार हाथों की वजह से पड़ा था। इनका मूल नाम अर्जुन था। अर्जुन ने भगवान दत्तात्रेय को अपनी भक्ति से प्रसन्न कर लिया था और वरदान में उनसे एक हजार हाथ मांगे थे। इसके बाद राजा का नाम सहस्त्रबाहु अर्जुन पड़ गया।
सहस्त्रबाहु बहुत बलशाली थे ।रावण अपनी ताकत का घमंड में सहस्त्रबाहु अर्जुन से युद्ध करने पहुंच गया। माना जाता है कि उस समय राजा सहस्त्रबाहु अर्जुन ने अपने हजार हाथों से नर्मदा नदी का पानी रोक दिया और फिर अचानक पानी छोड़ दिया। इसके बाद नर्मदा के बहाव में रावण की सेना बह गई थी। बाद में सहस्त्रबाहु अर्जुन ने रावण को बंदी बना लिया था। इसके बाद रावण ने सहस्त्रबाहु अर्जुन से मित्रता कर ली थी।
कार्यक्रम में आये सभी लोगों ने दीपदान कर सहस्त्रबाहु जी को प्रणाम किया। महाराज सहस्त्रबाहु जी की जय के नारे लगाये गये। कार्यक्रम संयोजक प्रशांत वर्मा ने सभी का स्वागत एव सम्मान किया । अंत मे मनीष कूलवाल ने कार्यक्रम में पधारे सभी लोगों का आभार व्यक्त किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से रवि वर्मा , दिवाकर वर्मा , भारत वर्मा , पूर्व सभासद मनोज वर्मा , पूर्व सभासद श्री भगवान वर्मा , सुरेश चंद्र तिवारी गली , श्याम वर्मा , राम वर्मा आदि मौजूद रहे।