एक शाम पितरों के नाम पर हुई काव्य गोष्ठी

हाथरस। ब्रज कला केंद्र एवं राष्ट्रीय कवि संगम व डॉक्टर चाचा हाथरसी हास्य कला केंद्र द्वारा एक शाम पुरखों के नाम कार्यक्रम हुआ जिसकी अध्यक्षता हरिशंकर वर्मा ने की तो संचालन आशु कवि अनिल बोहरे ने किया
इस अवसर पर ब्रज कला केंद्र के अध्यक्ष चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने सभी को मिष्ठान खिलाते हुए कहा कि किसी का मन मेला किसी का साफा है
कोई खुश है तो कोई खफा है
हर समस्या हल होती है जीवन की
हम पर कृष्ण और पुरखों की कृपा है
डॉ. चाचा हाथरसी हास्य कला केंद्र के संस्थापक अध्यक्ष डॉ चाचा हाथरसी ने कहा
अर्यमा राजा पितर न्यायाधीश यमराज पृथ्वी पर 16 दिवस में देखो अपना काज
देखो अपना काज पितृ अपने घर जाओ
अपने घर परिवार खुशी से भर कर आओ
कवियत्री मीरा दीक्षित ने कहा
बुजुर्गों को जीवन हर पल याद रहता है
कभी खुशी कोई पल बर्बाद रहता है
जो याद करता है अपने बुजुर्गों को
उसका घर सदा आबाद रहता है
बाल कवि विष्णु ने कहा
श्रद्धा से ज्यादा मन में श्रद्धा जगाओ
पितर खुश हो जाएंगे प्रेम से बुलाओ
बचपन जवानी बुढ़ापा सबको आना है
बुजुर्गों को वृद्ध आश्रम नहीं भिजवाओ
अंत में संचालन करते हुए आशु कवि अनिल बोहरे ने सुनाया
मेरे तीन शब्दों से सभी का सार आता है
समय है बचपन-जवानी-बुढ़ापा बार-बार नहीं आता है
इस अवसर पर बीना गुप्ता एडवोकेट, गिरिराज सिंह गहलोत, पंडित अविनाश चंद्र पचौरी, पंडित ऋषि कुमार कौशिक, कपिल नरूला, मनीष कुमार, संतोष उपाध्याय, पन्नालाल आदि मौजूद थे।

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