सर्दी के मौसम में हृदय रोगों से कैसे बचें, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ यू एस गौड़ ने दी जानकारी

हाथरस। ​सर्दी के मौसम में जहां गर्मी से छूटने का सुखद अनुभव होता है वहीं सर्दी के मौसम की चुनौतियों में हृदय रोगो का जोखिम बढ़ जाता है। विभिन्न अध्ययनों से पता चलता है कि ठंडे महीनों में दिल  के दौरे  और मस्तिष्क आघात  के जोखिम सामान्य के मुकाबले 10 प्रतिशत तक बढ़ जाते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि ठंड के कारण रक्त वाहिकाएँ  सिकुड़ कर संकुचित हो जाती हैं, जिससे रक्तचाप  बढ़ जाता है और हृदय पर काम का बोझ बढ़ जाता है। इसलिए, सर्दी के मौसम में अपने हृदय की सुरक्षा के लिए विशेष सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है।

​हृदय रोगों के बढ़ने के मुख्य कारण

वाहिकासंकुचन
ठंड के प्रति शरीर की गर्मी को बनाए रखने के लिए शरीर की प्राकृतिक प्रतिक्रिया रक्त वाहिकाओं को संकुचित करना शुरू कर देती है, ताकि शरीर की गर्मी बनी रहे। फलस्वरूप रक्तचाप बढ़ जाता है, जिससे हृदय को रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
​रक्त का गाढ़ा होना  
ठंडे तापमान में रक्त गाढ़ा हो सकता है, जिससे रक्त के थक्के  बनने की संभावना बढ़ जाती है, जो दिल के दौरे या स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं।
शारीरिक परिश्रम की कमी:
सर्दियों में लोग अक्सर घर के अंदर रहना पसंद करते हैं, जिससे उनकी शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है। यह मोटापा, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है।
​आहार परिवर्तन
इस मौसम में अक्सर तैलीय  और उच्च वसायुक्त भोजन मूंगफली ,तिल,आदि का सेवन बढ़ जाता है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

हृदय रोगों से बचाव के प्रभावी उपाय

​सर्दी में हृदय रोगों से बचाव के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन हृदय को सुरक्षा प्रदान करता है।
​1. शरीर को गर्म रखें
​ हल्के लेकिन कई परतों वाले गर्म कपड़े पहनें। इससे शरीर की गर्मी बनी रहती है और अचानक तापमान परिवर्तन से बचा जा सकता है।
2​.अंगों को ढकें सिर, कान, हाथ और पैर को टोपी, दस्ताने और मोजे से ढकना ज़रूरी है, क्योंकि इन हिस्सों से शरीर की बहुत गर्मी बाहर निकलती है।
3.​अत्यधिक ठंड से बचें बहुत सुबह या देर रात को बाहर जाने से बचें, जब तापमान सबसे कम होता है। बाइक बिना हेलमेट और पर्याप्त कपड़े पहनकर ही चलाए।
4.​नियमित व्यायाम घर के अंदर योग, स्ट्रेचिंग, या हल्की कसरत  को दिनचर्या में शामिल करें। तेज चलना या टहलना भी हृदय के लिए बहुत फायदेमंद है।
​5.पौष्टिक आहार: अपने भोजन में हरी सब्जियाँ, साबुत अनाज, सूप और ओमेगा-3 फैटी एसिड (जैसे अखरोट और चिया सीड्स) युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें। नमक, चीनी और सैचुरेटेड फैट की मात्रा सीमित करें।
​पर्याप्त पानी: ठंड में प्यास कम लगती है, लेकिन शरीर को जलयुक्त रखना आवश्यक है, क्योंकि पानी की कमी से रक्तचाप बढ़ सकता है। गुनगुना पानी पीते रहें।
​शराब और धूम्रपान से दूरी: शराब का सेवन और धूम्रपान रक्त वाहिकाओं को संकीर्ण करते हैं और हृदय रोगों के खतरे को बढ़ाते हैं, इनसे पूरी तरह बचें।
​6.. स्वास्थ्य की नियमित देखभाल
​रक्तचाप और रक्त शर्करा नियंत्रण: नियमित रूप से अपना रक्तचाप  और रक्त शर्करा का स्तर जाँचें और उन्हें नियंत्रित रखें।
7.​दवाएँ: यदि आप हृदय रोगी हैं, तो अपनी दवाएँ समय पर लें और डॉक्टर के परामर्श के बिना खुराक में कोई बदलाव न करें।
8.​डॉक्टर से परामर्श: सीने में दर्द, साँस लेने में तकलीफ, या असामान्य थकान जैसे किसी भी चेतावनी संकेत को नज़रअंदाज़ न करें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
9.​तनाव प्रबंधन: ध्यान  और पर्याप्त नींद ,तनाव को कम करने में मदद करते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

​सर्दी का मौसम हृदय रोगियों और वृद्धों के लिए अतिरिक्त सावधानी का समय है। ठंड के मौसम में अपने शरीर को गर्म रखना, संतुलित आहार लेना, नियमित व्यायाम करना और अपने रक्तचाप को नियंत्रित रखना – ये सभी उपाय आपके हृदय को सुरक्षित रखने की कुंजी हैं। एक जागरूक और अनुशासित जीवनशैली अपनाकर, हम इस मौसम का आनंद लेते हुए अपने हृदय को स्वस्थ और सुरक्षित रख सकते हैं।

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