जिनेन्द्र जैन
हाथरस। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जनपद हाथरस ने प्रधानमंत्री को सांसद लोक सभा क्षेत्र अनूप प्रधान बाल्मीकि के प्रतिनिधि के माध्यम से हाथरस को उत्तर प्रदेश में 29 जुलाई, 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को सेवारत रहने एवं पदोन्नति हेतु टी.ई.टी. की अनिवार्यता से मुक्त करने के सम्बन्ध में ज्ञापन दिया।
ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया गया कि भारत का राजपत्र संख्या 39 दिनांक 27 अगस्त, 2009 के द्वारा निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 प्रभावी किया गया है। इस अधिनियम की धारा 23 के अन्तर्गत अधिनियम के प्रभाव में आने की तिथि एवं उसके पश्चात नियुक्त शिक्षकों की भर्ती/नियुक्ति हेतु न्यूनतम अर्हताएं निर्धारित की गयी हैं माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा सिविल अपील 01 सितम्बर, 2025 को दिए गये एक निर्णय के द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के लागू होने की तिथि 27 जुलाई, 2011 से पूर्व में नियुक्त शिक्षकों को सेवा में बने रहने अथवा पदोन्नति हेतु न्यूनतम शैक्षिक योग्यता के साथ अध्यापक पात्रता परीक्षा (टी.ई.टी.) दो वर्ष में उत्तीर्ण करना अनिवार्य हो गया है तथा टी.ई.टी. उत्तीर्ण न करने की दशा में उनको अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जायेगी, जोकि न्यायोचित नही है।भारत सरकार के अधीन 25 अगस्त, 2010 से पूर्व तथा उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन 27 जुलाई, 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को सेवारत रहने अथवा पदोन्नति हेतु टी.ई.टी. उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता से मुक्त रखने हेतु सम्बन्धित को निर्देशित करें। ज्ञापन के माध्यम से सैकड़ो शिक्षको ने टीईटी से मुक्त रखने की मांग की।सुरेश कुमार शर्मा द्वारा ज्ञापन के विषय में बताया कि सभी शिक्षको की नियुक्ति नियमानुसार हुई है। शिक्षको की नियुक्ति या किसी भी कार्मिक की नियुक्ति उसकी शैक्षणिक योग्यता और अहर्ता के आधार पर होती है।वर्षाे से कार्यरत शिक्षको को सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा टीईटी परीक्षा की अनिवार्यता और बाध्यता का आदेश गलत है।सर्वाेच्च न्यायलय का पूर्व में स्वयं का ही आदेश है कि भर्ती प्रक्रिया विज्ञापन जारी होने से शुरू होती है जिसमें आवेदन मांगे जाते हैं और रिक्तियों को भरने के साथ समाप्त होती है।चयन सूची में रखे जाने के लिए पात्रता मानदंड, भर्ती प्रक्रिया के प्रारंभ में अधिसूचित, को भर्ती प्रक्रिया के बीच में नहीं बदला जा सकता है।यदि सरकार द्वारा जबरन शिक्षको पर टीईटी को थोपा जा रहा है। शिक्षक संगठन के लाखों लोग उक्त आदेश से प्रभावित हो रहे हैं और मानसिक रूप से परेशान हैं। ज्ञापन देने वालो में जिला महामंत्री विजयवीर सिंह,कोषाध्यक्ष,वीरेंद्र सिंह संयुक्त मंत्री, यतेंद्र पाठक,योगेंद्र शर्मा,संतोष शर्मा,शशि कुलश्रेष्ठ,कन्हयालाल, नेत्रपाल सिंह,वीरेंद्र सिंह,गोविंद रावत, कन्हैया लाल,नरेश मीना,गौरव पचौरी,कुलदीप चौधरी,भगवान दास यादव,मनिभूषण ,मुकेश सिंह,मोनू बंसल,अमित शर्मा,जितेंद्र कौशल, मेधा सेंगर,सुकीर्ति सेंगर,निर्मला देवी,उमेश कुमारी,कल्पना शर्मा,नेहा अग्रवाल,लक्ष्मी वार्ष्णेय, सपना सिंह,भावना,श्वेता सिंह ,योगेश सारस्वत,कृष्ण कांत,मोहित मधुर,वीरेंद्र कुमार,अशोक कुमार आदि सैकडों शिक्षक शिक्षिकाए उपस्थित रहे।