नारी आत्मिक रूप से जाग्रति होगी तो निश्चित ही सम्पूर्ण सशक्तिकरण होगा: साध्वी वेदवाणी ,राष्ट्र सेविका समिति के तत्वाधान में हुआ विशाल मातृशक्ति सम्मेलन

सरकार के प्रयासों से आज महिलाये एवँ बालिकाएं सुरक्षित लेकिन हमें खुद आत्मनिर्भर बनकर मजबूती के साथ आगे बढ़ना है: अंजुला माहौर

हम कमजोर नही है इस संकल्प के साथ आगे बढ़कर अपने समाज अपने देश के लिये तन मन धन से करें कार्य :स्वेता दिवाकर

अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन करते हुये राष्ट्र के विकास को गति देने के लिये मजबूती के साथ आगे बढे मातृशक्ति : सीमा उपाध्याय

हाथरस। विश्व में आर्थिक ,भौतिक एवँ अन्य प्रकार के शसक्तीकरण की बात की जा रही है लेकिन यह सब बिना नारी शसक्तीकरण के सम्भव नही है। नारी आत्मिक रूप से जाग्रति होगी तो निश्चित ही सम्पूर्ण सशक्तिकरण होगा। आज की सदी में नारी सशक्तिकरण के लिये अपनी सोच को परिवर्तन की जरूरत है । उक्त बातें दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की संस्थापक साध्वी वेदवाणी ने राष्ट्र सेविका समिति द्वारा डीआरबी इंटर कॉलेज के खेल मैदान पर आयोजित विशाल मातृशक्ति सम्मेलन को संबोधित करते हुये कही।
मातृशक्ति सम्मेलन का शुभारंभ अतिथियों द्वारा भारत माता के चित्र के सम्मुख दीपप्रज्जवलन कर किया गया।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुये मुख्य वक्ता दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की संस्थापक साध्वी वेदवाणी भारती ने कहा कि स्त्री राष्ट्र की आधार शिला है। स्त्री ईश्वर की वह अनमोल रचना है जो जन्मदात्री है, समाज को सम्बल देने वाली आधी जनसंख्या है। सृष्टि के विकास में नारी का महत्वपूर्ण योगदान है। वह सृजन की प्रेरणा है। प्राचीन काल में नारी का सम्मान और उसके महत्व की भावना की साक्षी स्वयं मनुस्मृति है। जिसमें कहा गया है—“यत्र नार्यस्तु पूत्यन्ते रमन्ते तत्र देवता: “ अर्थात जहां नारी का सम्मान होता है वहाँ देवता निवास करते हैं। स्त्री एक प्रेषक शक्ति है जो व्यक्ति बनाती है।
आदर्श स्वरूप माता केवल जन्मदात्री ही नहीं अपितु प्रथम गुरू भी है जो बालक को संस्कार प्रदान कर सभ्य एवं सुयोग्य बनाती है। यही बालक हमारे राष्ट्र के भावी कर्णधार हैं। राष्ट्र की तेजस्विता हेतु स्त्री को ही पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए राष्ट्र कार्य करना है।
राष्ट्र हित में यह संकल्प हम सभी नारी शक्ति को मिलकर लेना ही होगा। उन्होंने कहा कि संकल्पित व्यक्ति कभी थकता नहीं, हारता नहीं, संकटों से डरता नहीं। सदैव आगे ही आगे बढ़ता है। हमें भी स्वयं आगे बढ़कर अपने राष्ट्र को परम वैभव तक पहुँचाना है।
विधायक सदर अंजुला माहौर ने मातृशक्ति की भूमिका पर बोलते हुए कहा कि भारत आज दुनिया में शक्ति और विश्वास दोनों में बड़ा है। लोग अपने परिवार से मातृशक्ति जागरुकता पर काम करें। तभी समूचे समाज की मातृशक्ति को संगठित किया जा सकता है। नारी सशक्तिकरण को लेकर देश एवँ प्रदेश की कई योजनाएं चल रही है।महिलाओं के प्रबोधन और सशक्तिकरण के साथ उन्हें समाज में बराबरी का स्थान दिलाने के लिए प्रयासरत है। सरकार के प्रयासों से आज महिलाये एवँ बालिकाएं सुरक्षित है। लेकिन हमें खुद आत्मनिर्भर बनकर मजबूती के साथ आगे बढ़ना है।
सम्मेलन को संबोधित करते हुये धर्म रक्षा संघ की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवँ समाजसेविका स्वेता दिवाकर ने कहा कि नारी का मातृत्त्व प्रेम ऐसा हो कि यह वसुंधरा मेरी है और यह विश्व मेरा है। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि मातृशक्ति ने जब जब हुंकार भरी है तब तब बदलाब आया है।हम कमजोर नही है इस संकल्प के साथ आगे बढ़ना है और अपने समाज अपने देश के लिये तन मन धन से कार्य करना है।
कार्यक्रम की अध्यक्षा जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा उपाध्याय ने संबोधित करते हुये कहा कि घर में संस्कारों का वातावरण बनाए रखने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मातृशक्ति की होती है। घर से संस्कार अच्छे मिलेंगे तो निश्चित ही एक सांस्कारिक समाज का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि हम सभी की जिम्मेदारियां बहुत होती है। इन्ही जिम्मेदारियों का निर्वाहन करते हुये राष्ट्र के विकास को गति देने के लिये कार्य करना होगा। उन्होंने संगठित परिवार पर जोर दिया।
मातृमंडल सेवा भारती विभाग अध्यक्ष अनु विमल ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा उपाध्याय ने की तथा संचालन प्रज्ञा वार्ष्णेय ने किया।
मंच पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बृज क्षेत्र संयोजिका शालनी पाठक ,राष्ट्र सेविका समिति की नगर सम्पर्क प्रमुख सरिता शर्मा ,कन्या गुरुकुल की अधिष्ठात्री डॉ पवित्रा ,अनुमंत्रम कन्याकुलम की संस्थापक एवँ बी आर अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ पूर्ति चतुर्वेदी,
ब्रह्माकुमारी जिला सहप्रभारी भावना दीदी मौजूद रही।
कार्यक्रम में काफी संख्या में महिलाएँ उपस्थित रही।

error: Content is protected !!