दानेदार यूरिया के स्थान पर नैनो यूरिया का प्रयोग

हाथरस । ग्राम नगला नंदू विकास खंड मुरसान मे इफको द्वारा विगत दिनांक को
किसान दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें नैनो यूरिया के प्रयोग पर आधारित प्रदर्शन के परिणाम से अवगत कराया गया। जिन किसानों ने दानेदार यूरिया के स्थान पर नैनो यूरिया का प्रयोग किया है उन्होने बताया कि नैनो यूरिया के प्रयोग से दानेदार यूरिया के बराबर तथा कहीं-कहीं पर अधिक उपज भी प्राप्त हुई है। ऐसे किसानों में मुख्य रूप से ग्राम नंगला नंदू के किसान श्री जीत सिंह तथा श्री कृष्णा आदि ने नैनो यूरिया का प्रयोग कर गोष्ठी में अपने विचारों को साझा किया । गोष्ठी में जिला कृषि अधिकारी आरके सिंह, सहायक आयुक्त सहायक निबंधक सहकारिता संतोष सिंह यादव, डिप्टी डायरेक्टर फसल सुरक्षा राजेश कुमार, इफ़को प्रबंधक आई पी मलिक, पुष्पेंद्र सिंह एरिया मैनेजर इफको-एमसी द्वारा विभिन्न विषयो पर कृषि जानकारी दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रगतिशील किसान गेन्दा लाल रावत ने की। नैनो यूरिया के प्रदर्शन खेत भी दिकाये गये। कार्यक्रम मे 90 से अधिक लोगो ने भाग लिया। साथ ही सहकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत सहकारी समिति प्रभारियों को भी नैनो यूरिया एवं कृषि में विशेष लाभकारी अन्य उत्पाद जिनकेप्रयोग से कम लागत में अधिक पैदावार ली जा सकती है से संबंधित तकनीकी जानकारी दी गई जिससे कि सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों तक तकनीकी जानकारी पहुंचाई जा सके। गोष्ठी में मुख्य रूप से बताया गया कि नैनो डीएपी भी शीघ्र ही बाजार में आने वाली है जिसकी कीमत लगभग ₹600 प्रति बोतल होगी जो एक बोतल एक बोरी डीएपी के बराबर काम करेगी उसको भी नैनो यूरिया की तरह पत्तियों पर छिड़काव किया जाएगा। नैनो डीएपी से बीज उपचार भी किया जाएगा। सागरिका के बारे में बताया गया कि यह प्राकृतिक समुद्री उत्पाद है जो पौधे की बढ़वार के लिए बहुत ही उत्तम है। तरल सागरिका तथा साथ में नैनो यूरिया के चार से पांच ढक्कन प्रति 25 लीटर की टंकी मे मिलाकर प्रयोग किया जाए तो और भी अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं । तरल जैविक उर्वरक कंसोरटिया से मिट्टी के अंदर माइक्रो जीवाणु बढ़ जाते हैं जो फसल को नाइट्रोजन फास्फोरस पोटाश उपलब्ध कराने के साथ-साथ मिट्टी की ताकत को भी बढ़ाते है

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