हाथरस। विश्व योग दिवस के अवसर पर युवा केंद्र हाथरस के तत्वावधान एवं जिला युवा समन्वयक सुश्री दिव्या शर्मा एवं लेखाकार श्रीमती ऊषा सक्सैना के आदेशानुसार योग दिवस के अवसर पर गांव ऐहन में योग शिविर का आयोजन किया गया। नेहरू युवा केंद्र हाथरस के स्वयंसेवक रॉकी चौहान ने बताया योग शब्द संस्कृत धातु ‘युज’ से निकला है, जिसका मतलब है व्यक्तिगत चेतना या आत्मा का सार्वभौमिक चेतना या रूह से मिलन। योग, भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी शैली है । हालांकि कई लोग योग को केवल शारीरिक व्यायाम ही मानते हैं, जहाँ लोग शरीर को मोड़ते, मरोड़ते, खिंचते हैं और श्वास लेने के जटिल तरीके अपनाते हैं। यह वास्तव में केवल मनुष्य के मन और आत्मा की अनंत क्षमता का खुलासा करने वाले इस गहन विज्ञान के सबसे सतही पहलू हैं। योग विज्ञान में जीवन शैली का पूर्ण सार आत्मसात किया गया है।इस अवसर पर नेहरू युवा मंडल एहन के सचिव हृदेश चौहान ने युवाओं को योग कराते हुए बताया योग की सुंदरताओं में से, एक खूबी यह भी है कि बुढ़े या युवा, स्वस्थ (फिट) या कमजोर सभी के लिए योग का शारीरिक अभ्यास लाभप्रद है और यह सभी को उन्नति की ओर ले जाता है। उम्र के साथ साथ आपकी आसन की समझ और अधिक परिष्कृत होती जाती है। हम बाहरी सीध और योगासन के तकनिकी (बनावट) पर काम करने बाद अन्दरूनी सुक्ष्मता पर अधिक कार्य करने लगते है और अंततः हम सिर्फ आसन में ही जा रहे होते हैं। इस मौके पर कपाल भाती, अनुलोम विलोम, धनुषाशन, वज्रासन, आदि बहुत से योग कराए। योग करते समय सामाजिक दूरी का पूरा पालन किया। सनी पण्डित, विशाल भारद्वाज, आशुतोष चौहान,अनिकेत सिसौदिया, रॉवी पण्डित, ललित,हिमांशु, रवी भारद्वाज, प्रभात चौहान आदि के रहे।