नगर पालिका कर्मचारियों की लापरवाही का खामियाजा , बदनाम हो रहे पालिकाध्यक्ष

हाथरस। शहर को स्वच्छ बनाने के लिये दिनरात जुटे पालिकाध्यक्ष आशीष शर्मा एवँ उनके बोर्ड के सभासद गणो के प्रयासों पर पालिका के ही कर्मचारी पलीता लगाने में लगे हुये है। सफाई निरीक्षकों की लापरवाही के कारण शहर में कूड़ेदानों में भरा कूड़ा नही उठाया जा रहा है ।आलम यह है कि कूड़ेदान लबालब भरे हुये है और उनके आसपास कूड़े के ढेर लग रहे है। काम के प्रति घोर लापरवाह सफाई निरीक्षकों को शायद यह कूड़ा दिखाई नही दे रहा है।अधिशासी अधिकारी भी इस ओर ध्यान नही दे रहे है।
अलीगढ़ रोड पर मुंशी गजाधर सिंह मार्ग के पास रखा कूड़ेदान एवँ पुलिस चौकी आधोगिक नगरी के सामने रखा कूड़ेदान लबालब भरा हुआ है। गाँधी पार्क तिराहे पर रख कूड़ेदान भी खचाखच भर हुआ है। इन कूड़ेदानों के पास गन्दगी का भारी जमबबड़ा भी है । गंदगी से आसपास के दुकानदार एवँ राहगीरों में पालिका के प्रति काफी आक्रोश है। लोग इसके लिये पालिकाध्यक्ष को भी दोषी मान रहे है। अलीगढ़ रोड से निकलने वाले अधिकारी भी सबकुछ देखकर अनजान बने हुये है। वहीँ घंटाघर एवँ बजरिया में सुबह एवँ रात को सफाई होती है लेकिन कूड़े की ढेरियां इस तरह जमी हुई है जैसे उनको परमानेंट बनाया गया है। सफाई निरीक्षकों की लापरवाही का आलम यही रहा तो वह दिन दूर नही जब शहर में गंदगी के ढेर देखने को मिलेंगे।

कहीं पालिकाध्यक्ष की छवि को धूमिल करने का तो नहीँ षडयंत्र

दिनरात शहर की स्वच्छ बनाने में जुटे पालिकाध्यक्ष की छवि को धूमिल करने का पालिका कर्मचारियों द्वारा ही षड्यंत्र रचा जा रहा है। एक ओर जहां पालिकाध्यक्ष आशीष शर्मा स्वच्छता रैकिंग में हाथरस को प्रथम स्थान पर लाना चाहते है वहीँ दूसरी ओर पालिका के सफाई निरीक्षक उनके प्रयासों पर पानी फेर रहे है। यह कहना भी गलत नही होगा कि पालिकाध्यक्ष की छवि को धूमिल करने का एक बड़ा षड़यंत्र रचा जा रहा है। सूत्रों की माने तो गंदगी के ढेर दिखाकर स्वच्छता रैकिंग में पिछले कई सालों से निरन्तर सुधार कर रहे हाथरस को फिर रैंकिंग खराब करने का षड्यंत्र है । रैकिंग खराब होने के साथ ही पालिकाध्यक्ष की छवि भी धूमिल हो जायेगी। जाहिर है कि लगातार गंदगी से परेशान आसपास के लोग स्वच्छता सर्वेक्षण 2121 में जब वोट करेगें तो वह लगातार रही गंदगी को ही लिखेंगे जिससे रैंकिंग खराब होने की संभावना है। लेवर कॉलोनी के पास रहने वाले मुकेश इस बात का दावा भी करते है।

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