ईश्वर से सम्बंध स्थापित करने का एक माध्यम है अध्यात्म : डॉ यू एस गौड

हाथरस । अध्यात्म मनुष्य को परम सत्ता ईश्वर से सम्बंध स्थापित करने का एक माध्यम है। विना आध्यत्म के मनुष्य का चतुर्दिक विकास सम्भव नही। अध्यात्म ही नैतिक उन्नति और अत्म वल का एक सशक्त साधन है। उक्त विचार स्थानीय आगरा रोड स्थित सरस्वती शिशु मंदिर के प्रांगण में समाजोत्थान सेवा संस्थान द्वारा आयोजित अध्यात्म की प्राथमिक कक्षा में बोलते हुए डॉ यू एस गॉड ने कहा कि मूर्ति पूजा के माध्यम से भक्ति योग द्वारा अध्यात्म की प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करते है। मूर्ति के माध्यम से प्रकृति मात्र में ईश्वर के दर्शन कर कर्मयोग की ओर अग्रसर होते हैं। कर्मयोग के बाद जब आध्यत्म की उन्नति का स्तर ज्ञान योग की ओर बढ़ता है तब हम ब्रहम्म के स्वरुप को पहचाने की प्रक्रिया में आते है। उन्होंने कहा बास्तव में अपने को पहचान कर ब्रहम्म का साक्षात्कार करना ही आध्यत्म है। लेकिन यह एक सतत जटिल प्रक्रिया हैं जिसके लिए एकाग्रता और साधना परम आवश्यक है। प्राथमिक कक्षा के प्रथम सत्र में आध्यात्मिक जगत के
जाने माने साधक वृन्दावन निवासी श्रीकृष्ण चंडी जी महाराज ने जीवन के गूढ़ रहस्यों को सुलझाने का प्रयास किया उन्होंने आध्यात्मिक साधना के सूत्रों की विशद व्यख्या करते हुए श्रोताओं की जिज्ञासाओ का समन किया। कक्षा के अंतिम सत्र में श्री चंडी महाराज ने श्रोताओं को त्राटक विधि से ध्यान लगवाकर रोमांचित कर दिया ।
इस कक्षा का शुभारंभ अपर पुलिस अधीक्षक डॉ अशोक कुमार सिंह ने दीप प्रज्वलन कर किया और कक्षा की सफलता हेतु शुभकामनाएं दी।
अतिथियों का सम्मान समाजोत्थान सेवा संस्थान की ओर से सचिव अनिल शर्मा सरस्वती शिशु मंदिर प्रवन्ध समिति की ओर से अनिल वाष्णेय प्रवन्धक आनंद गोयल कोषाध्यक्ष तथा मनोज कुमार के साथ निस्वार्थ सेवा संस्थान की ओर से अध्यक्ष सुनील अग्रवाल व लोकेश अग्रवाल सहित अनेक व्यक्तियो ने किया

कक्षा में विषय प्रतिपादन और संचालन सेवा भारती के जिलाध्यक्ष डॉ बी पी सिंह ने किया । कक्षा में नगर के दर्जनों गणमान्य एवं प्रबुद्ध व्यक्तियो ने सहभागिता की।

error: Content is protected !!