स्कूलों द्वारा बच्चों, अभिभावकों के शोषण के खिलाफ बनी आंदोलन की रणनीति

हाथरस अभिभावकों की एक अति आवश्यक बैठक बुर्ज वाला कुआं स्थित रेस्टोरेंट पर योगेंद्र शर्मा उर्फ योगा पंडित की अध्यक्षता एवं एडीएचआर राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन वार्ष्णेय के संचालन में संपन्न हुई।
अभिभावकों ने अपने विचार व्यक्त व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण काल ने आम आदमी की आर्थिक रूप से कमर तोड़ दी है अब उसकी प्राथमिकता परिवार के भरण-पोषण और अपने व्यापार को स्थापित करने की है स्कूलों द्वारा मानवता को त्याग कर केवल अपने आर्थिक हितों को साधने के उद्देश्य से अभिभावकों पर फीस देने का दबाव बनाया जा रहा है ऐसे दबावों के विरुद्ध अभिभावक जनआंदोलन करने को तैयार हो गए हैं।
इस आंदोलन की अगुवाई एवं शासन-प्रशासन के साथ पत्राचार के साथ-साथ अदालती कार्रवाई के लिए सभी अभिभावकों ने एक स्वर से एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक हृयूमन राइट्स (एडीएचआर)को अधिकृत कर दिया है।
वक्ताओं ने कहा कि सरकार जब सभी वर्गों को राहत प्रदान कर रही है तब ऐसी परिस्थिति में अभिभावकों को भी राहत देते हुए फीस माफी की घोषणा सरकार को जल्द से जल्द करनी चाहिए।
शिक्षा का अधिकार संवैधानिक अधिकार है कोई भी सरकार एवं स्कूल प्रबंधन किसी भी बच्चे को किसी भी परिस्थिति में शिक्षा से वंचित नहीं कर सकती है।
शिक्षा कमाई का जरिया नहीं हो सकती है और जो शिक्षा माफिया शिक्षा की आड़ में अभिभावकों और बच्चों का उत्पीड़न करेगा उन शिक्षा माफियाओं के खिलाफ असहयोग आंदोलन चलाकर किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं किया जाएगा। चाहे वह सामाजिक स्तर पर हो या राजनीतिक स्तर पर हो उन सभी का पूर्ण बहिष्कार किया जाएगा।
जल्द से जल्द जनपद में पूरे आंदोलन की रणनीति बनाकर “स्कूल नहीं तो फीस नहीं” का जनआंदोलन चलाया जाएगा।
सभी अभिभावकों ने एक स्वर में “स्कूल नहीं तो फीस नहीं” के अभियान को पूर्ण समर्थन दिया और सभी ने एक स्वर में फीस न जमा करने का निर्णय लिया।
बैठक में योगेंद्र शर्मा उर्फ योगा पंडित, प्रवीन वार्ष्णेय, डॉ ललितेश शर्मा, आशीष उपाध्याय, आदित्य शर्मा, शुभम कुशवाहा, उपवेश कौशिक, अनुराग गुप्ता, गोविंद अग्रवाल, आशीष अग्रवाल, आलोक मित्तल, नितेंद्र गॉड, अनुज अग्रवाल आदि अभिभावक उपस्थित रहे।

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