भ्रष्टाचार में फसे हाथरस के इन नेता जी से होगी एक करोड़ से ज्यादा की वसूली

हाथरस। वित्तीय अनियमितता के मामले में तत्कालीन नगर पालिकाध्यक्ष आशीष शर्मा से वसूली होगी। प्रमुख सचिव ने जिलाधकारी को पत्र भेजा है।
नगर विकास अनुभाग-2 के पत्रांक संख्या-988 / नौ-2-23-102 (सा) / 2021 दिनाँक 27-7-2023 के जरिये प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने जिलाधिकारी को भेजे कर तत्कालीन नगर पालिकाध्यक्ष आशीष शर्मा से पालिका को हुई आर्थिक क्षति के संबंध में नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा 81 के अन्तर्गत वसूली की कार्यवाही किये जाने एवँ कार्यवाही से अवगत कराने को कहा है। पत्र में कहा गया है कि अपने पत्र संख्या – 1024 / एल0बी0सी0-2023, दिनांक 06.03. 2023 का कृपया सन्दर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें, जिसके द्वारा श्री आशीष शर्मा, तत्कालीन अध्यक्ष नगर पालिका परिषद, हाथरस, जनपद- हाथरस से रू0 1,04,92,595 /- की वसूली का प्रस्ताव शासन में उपलब्ध कराया गया है।
तत्कालीन अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद, हाथरस, जनपद- हाथरस के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जाँच कराकर आख्या उपलब्ध कराने हेतु आयुक्त, अलीगढ़ मण्डल, अलीगढ को निर्देशित किया गया था। तद्क्रम में आयुक्त, अलीगढ़ मण्डल, अलीगढ़ के पत्र दिनांक 17.06.2022 द्वारा आख्या उपलब्ध करायी गयी। उक्त जाँच से प्रकाश में आयी अनियमितता के सम्बन्ध में शासन के पत्र दिनांक 17.08.2022 द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी की गयी। शासन द्वारा जारी कारण बताओ के क्रम में अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद, हाथरस द्वारा अपना उत्तर दिनांक 17.10.2022 को शासन में उपलब्ध कराया गया। तदोपरान्त शासन के पत्र दिनांक 30.11.2022 द्वारा आयुक्त, अलीगढ़ मण्डल, अलीगढ़ को प्रतिपरीक्षण आख्या उपलब्ध कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया। आयुक्त, अलीगढ़ मण्डल, अलीगढ़ की जॉच आख्या में कुल 03 आरोपों के सापेक्ष 01 आरोप पुष्ट पाया गया। आयुक्त, अलीगढ़ मण्डल, अलीगढ़ के पत्र दिनांक 17.06.2022 में उल्लिखित किया गया कि नगर पालिका परिषद, हाथरस के सभासदों द्वारा पत्र दिनांक 29.12.2017 के माध्यम से ग्रीष्म ऋतु में नगर के मुख्य स्थानों पर वॉटर ए०टी०एम० की व्यवस्था किये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव बोर्ड में रखे जाने का अनुरोध किया गया, उपरोक्त पत्र पर नगर पालिका परिषद, हाथरस के प्रस्ताव संख्या – 05 (06), दिनांक 06.01.2018 द्वारा सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। उक्त बोर्ड प्रस्ताव के अनुपालन में नगर पालिका परिषद, हाथरस के अवर अभियन्ता (जल) द्वारा ग्रीष्म ऋतु में 06 माह हेतु नगर के विभिन्न 12 स्थानों पर 03 वर्षों हेतु रू० 1,47,16,800/- का आगणन तैयार किया गया। उपरोक्त कार्यों हेतु दिनांक- . 28.03.2018 को ई-निविदायें आमन्त्रित की गयीं। उपरोक्त कार्यों हेतु 04 ई – निविदायें प्राप्त हुयीं, जिसमें न्यूनतम निविदा मै० गर्ग इन्टरप्राईजेज, अलीगढ़ रोड, हाथरस की रू० 1,46,74,121/- की प्राप्त हुयी, जिसकी स्वीकृति अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद, हाथरस द्वारा दिनांक 13.04.2018 को प्रदान की गयी। कार्यादेश पत्र दिनांक 05.06. 2018 द्वारा सम्बन्धित फर्म को दिया गया। वित्तीय वर्ष 2018-19 में दिनांक 06.05. 2018 से दिनांक 30.09.201 तक रू0 50,68,703 / – का भुगतान एवं वर्ष 2019-20 में रू0 39,13,341/- का भुगतान किया गया। वर्ष 2020-21 में कार्य कराये जाने का कोई उल्लेख पत्रावली पर नहीं है। पत्रावली पर स्थान-स्थान पर पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने संबंधी फोटोग्राफ एवं प्रतिदिन अपूर्ति किये जाने पानी का विवरण संलग्न है, जिसको संबंधित अवर अभियन्ता द्वारा प्रमाणित किया गया है। बोर्ड प्रस्ताव दिनांक 06.01.2018 द्वारा वाटर एटीएम लगाने संबंधी प्रस्ताव पारित किया गया। अवर अभियन्ता, जल द्वारा नगर में किसी भी स्थान पर पीने योग्य जल न होने, पर्याप्त स्थान न होने एवं वॉटर ए०टी०एम० का संचालन सफल न होने के कारण रिक्शा ट्रॉलियों से आर0ओ0 जल निःशुल्क उपलब्ध कराये जाने सम्बन्धी आख्या प्रस्तुत की गयी, जिस पर अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद, हाथरस द्वारा उपरोक्त कार्य की ई-निविदा कराये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी। पत्रावली में ऐसे कोई साक्ष्य उपलब्ध नही है कि श्री ल िशर्मा उपरोक्त में साझीदार है।
उपरोक्त आख्या एवं पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों से स्पष्ट है कि निविदा व अनुबन्ध के अनुसार वॉटर ए०टी०एम० की स्थापना न कराते हुए फर्म से पेयजल की सुविधा रिक्शा आदि के माध्यम से करायी गयी तथा उसका भुगतान भी किया गया। इस प्रकार कार्य की प्रकृति परिवर्तित होने पर पृथक से बोर्ड स्वीकृति व टेण्डर आदि की कार्यवाही नये सिरे से नहीं करायी गयी, जो कि अनियमितता की श्रेणी में आता है।
मण्डलायुक्त, अलीगढ़ मण्डल, अलीगढ़ द्वारा गठित समिति के प्रति प्रतिपरीक्षण आख्या में यह उल्लिखित है कि वॉटर ए०टी०एम० की निविदा स्वीकृत की गयी किन्तु वास्तव में वॉटर ए०टी०एम० लगाये ही नहीं गये। श्री आशीष शर्मा द्वारा उनके प्रतिउत्तर / स्पष्टीकरण में बताया गया कि अवर अभियन्ता, जल की आख्या दिनांक 28.02.2018 द्वारा वॉटर ए०टा०एम० को व्यवहारिक नहीं बताया गया था। यह जवाब नितान्त असन्तोषजनक है। जब अवर अभियन्ता (जल) द्वारा दिनांक 28.02.2018 को अपनी आख्या दी गयी थी, तो उक्त तिथि के उपरान्त दिनांक 16.03.2018 को आर०ओ० शीतल जल की जगह वॉटर ए०टी०एम० की ई-निविदा क्यों आमन्त्रित की गयीं, इसे श्री शर्मा द्वारा उनके जवाब में स्पष्ट नहीं किया गया है। यदि अवर अभियन्ता (जल) की आख्या के अनुरूप निःशुल्क आर०ओ० पेयजल की व्यवस्था की जानी थी, तो उसका नियमानुसार प्राक्कलन तैयार कर ई-निविदा की प्रक्रिया अपनायी जानी चाहिये थी, जो नहीं अपनायी गयी। इस प्रकार समिति ने अपने प्रतिपरीक्षण में पाया कि श्री आशीष शर्मा का प्रतिउत्तर / स्पष्टीकरण नितान्त असन्तोषजनक है। नगर पालिका के पेयजल अनुभाग एवं स्वीकृतिकर्ता अधिकारी / अध्यक्ष, वॉटर ए०टी०एम० का कार्यादेश निर्गत कर आर०ओ० वॉटर की आपूर्ति कर फर्म को जी०एस०टी० का भुगतान आदि से जहाँ एक ओर प्रक्रिया में अनियमितता बरती गयी वहीं दूसरी ओर राज्य वित्त आयोग की धनराशि से अनियमित भुगतान किया गया।
प्रकरण में नगर पालिका परिषद, हाथरस, जनपद- हाथरस को हुयी आर्थिक क्षति का आंकलन करते हुए समानुपातिक वसूली का प्रस्ताव उपलब्ध कराने विषयक आपके पत्र संख्या – 1024/ एल०बी०सी०-20236, दिनांक 06.03.2023 के संबंध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि कृपया नगर पालिका परिषद, हाथरस, जनपद – हाथरस को हुयी आर्थिक क्षति रू0 1,04,92,595 /- (एक करोड़ चार लाख बानवे हजार पाँच सौ पंचा- रूपये मात्र) की नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा – 81 के अधीन नियमानुसार वसूली श्री आशीष शर्मा, तत्कालीन अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद, हाथरस, जनपद- हाथरस से कराते हुए कृत कार्यवाही से शासन को अवगत कराने का कष्ट करें।
नगर पालिका परिषद हाथरस के तत्कालीन अध्यक्ष आशीष शर्मा से वसूली पत्र की खबर शहर में तेजी से फैली। इसे लेकर तरह तरह की चर्चाएं होने लगी है।

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