जल संरक्षण के तहत जल संवाद एवं निबंध का आयोजन

हाथरस । युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार की इकाई नेहरू युवा केन्द्र, हाथरस की जिला युवा अधिकारी दिव्या शर्मा एवं लेखा एवं कार्यक्रम सुपरवाइजर ऊषा सक्सेना के निर्देशानुसार कैच द रैन के तृतीय चरण के तहत केंद्र द्वारा विभिन्न गतिविधियाँ जैसे जल चौपाल, नुक्कड़ नाटक, जल संवाद, दीवार लेखन, नारे, पोस्टर, निबंध प्रतियोगिताओं के माध्यम से जागरूक किया जा रहा हैै। इसी क्रम में विकास खण्ड- सासनी में कपिल कुमार एवं अंशुल कुशवाह के नेतृत्व में साहब सिंह इंटर कॉलेज दरियापुर में निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विद्यालय के प्रधानाचार्य राजू गुप्ता ने सभी प्रतिभागियों को जल के संरक्षण हेतु जागरूक किया एवं जल संरक्षण की शपथ दिलायी। उन्होने कहा कि पानी का सही तरीके से इस्तेमाल करना और पानी का बचाव करने को ही जल संरक्षण कहते हैं। जल संरक्षण के लिए हम अलग-अलग तरीेकों का इस्तेमाल करते हैं। जिससे कि हम जल को स्वच्छ और प्रदूषण विहीन संग्रह कर सकें हमें अपने दैनिक कार्यो के लिए सुबह से लेकर रात तक पानी की जरूरत रहती है। इसमें से ज्यादातर पानी हम बिना उपयोग किये व्यर्थ करते हैं। लेकिन जल संरक्षण का प्रयोग करके हम निश्चित ही पानी को बचा सकते हैं। जल ही जीवन है यह हम हमेशा से सुनते आ रहे हैं लेकिन मानते कितना हैं! क्या हम जल की रक्षा अपने जीवन की तरह करते हैं। क्या हम पानी को भी उतना ही महत्व देते हैं जितना किसी इंसान की जिन्दगी को, जबाब सभी के पास न में ही होगा हम सभी जानते कि पानी के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते फिर भी हम इसे फिजूल में खर्च कर देते हैं। हमें जल को बहुत सहेज कर रखने की जरूरत है नही ंतो वह दिन दूर नहीं जब हम एक बॅूद को भी तरसेंगें, पानी एक ऐसा धन है जिसे हम सहेज कर रखेंगें तभी हमारी आने बाली पीढी उसे उपयोग करेगी ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे समाज सेवी राजीव गुप्ता ने कहा कि पानी की जरूरत हमे जीवन भर है इसको बचाने के लिए केवल हम ही जिम्मेदार हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार ऐसा पाया गया कि राजस्थान में लडकियां स्कूल नही जाती क्योकिं उन्हें पानी लाने के लिए लम्बी दूरी तय करनी पडती है। जो उनके पूरे दिन को खराब कर देती हैं। इसलिए उन्हें किसी और काम के लिए समय ही नहीं मिलता। जल संरक्षण के उपाय के लिए हमें सबसे पहले वर्षा के जल का संग्रह करना होगा दैनिक कार्यो में पानी के उपयोग में कमी लानी होगी। ज्यादा से ज्यादा पेड लगाने होगें। हमें जल संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता बडाने का प्रयास करना चाहिए ।
कपिल कुमार स्वयं सेवक ने युवाओं को जानकारी देते हुए कहा कि जल की रक्षा हमेशा करें, और ऐसा करने के लिए दूसरों को भी प्रेरित करें। जब हम ऐसा करेगें तभी तो हमसे हमारे छोटे भी हमसें सीखेगें कहीं भी नल को खुला देखें उसको तुरन्त बन्द कर दें, कहीं पाइप लाइन टूटी हो तो तुरन्त उसकी शिकायत करें। पानी बचाने की जिम्मेदारी सभी की है इसलिए हम सबको अपनी जिम्मेदारी समझकर पानी बचाने हेुत अपने घर से ही पहल करनी होगी।
अंशुल कुशवाह स्वयं सेवक ने बताया कि जल संरक्षण के महत्व को हमें इस बात से समझ लेना चाहिए कि हमारी धरती पर स्वच्छ जल 01 प्रतिशत बचा है। यदि हम इसी प्रकार जल का दुरूपयोग करते रहे तो आने बाली पीढिओं के लिए जल की भारी समस्या हो जायेगी। अतः जागरूक होने की आवश्यकता है और अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभाते हुए सभी को जल संरक्षण का पूरा प्रयास करना चाहिए। कार्यक्रम में वन्दना, विनीत, मनोज, प्रशान्त, मुकेश, हरीकान्त, अनामिका और ब्रजेश ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये एवं युवाओं का पानी का महत्व समझाया। कार्यक्रम में 80 छात्र- छात्राओं ने प्रतिभागिता की जिसमें कु0 भूमिका, ज्योति, मीरा, दीपेश, मीनू, नन्दनी, करन, सोनिया आदि का सहयोग सराहनीय रहा ।
निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान मीनू, द्वितीय स्थान दुर्गा सिंह, तृतीय स्थान रश्मि ने प्राप्त किया। विजेता प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र एवं शील्ड़ देकर सम्मानित किया गया।
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