बच्चों को धर्म का ज्ञान बचपन से दें तो वह जीवन भर उसका ही स्मरण करता है: कथा व्यास आचार्य भरत तिवारी

हाथरसी मैया पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन भक्त प्रह्लाद प्रसंग का बखान
हाथरस। हाथरसी मैया पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन भक्त प्रह्लाद प्रसंग का बखान किया गया। इसमें कथा व्यास आचार्य भरत तिवारी ने बताया कि भक्त पहलाद ने माता कयाथ के गर्भ में हो नारायण नाम का मंत्र सुना था, जिसके सुनने मात्र से भक्त प्रह्लाद के कई कष्ट दूर हो गए थे।उन्होंने भगवान वामन लीला का वर्णन सुनाया। बच्चों की धर्म का ज्ञान बचपन में दिया जाता है तो वह जीवन भर उसका ही स्मरण करता है। ऐसे में बच्चों को धर्म आध्यात्म का ज्ञान दिया जाना चाहिए। माता-पिता को सेवा व प्रेम के साथ समाज में रहने की प्रेरणा ही धर्म का मूल है।
कथा व्यास ने कहा कि अच्छे संस्कारों के कारण हो ध्रुव जी की पांच वर्ष की आयु में भगवान के दर्शन प्राप्त हुए थे। साथ ही उन्हें 36 हजार वर्ष तक राज्य भोगने का वरदान भी प्राप्त हुआ था। ऐसे कई मिले हैं, जिससे सेख लेने की जरूरत है। इस मौके पर परिक्षित छीतरमल दिल्ली वाले आचार्य हिमांशु शास्त्री पंकज शर्मा अनुराग कुशवाह अमित कुशवाह पवन कुशवाह आदि मौजूद थे।

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