गलत तरीके से वार्डो का आरक्षण करने एवँ शासनादेश का उलंघन करने के आरोप
हाथरस। नगर पालिका हाथरस द्वारा वार्डों का गलत तरीके से आरक्षण करने एवँ शासनादेश को दरकिनार करने के आरोप लगाते हुये आपत्ति लगाई गई है। आपत्ति में अनुसूचित जाति के लिये निर्धारित वार्डों से अधिक वार्डों को आरक्षित करने एवँ पिछड़ी जाति के लिये निर्धारित आरक्षित वार्ड से कम आरक्षित करने के आरोप लगाए है। आपत्ति के बाद कई वार्डों के आरक्षण में बदलाब हो सकता है।
समाजिक कार्यकर्ता आशीष सेंगर ने जिला निर्वाचन अधिकारी वार्ड आरक्षण में शासनादेश की अवहेलना करते हुये नगर पालिका प्रशासन पर वार्डों का आरक्षण करने का आरोप लगाते हुये आपत्ति लगाई है। उन्होंने आपत्ति पत्र में कहा गया है कि निगमों / नगर पालिका परिषदों/नगर पंचायतों के कक्षों हेतु आरक्षण के सम्बन्ध में प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग, उ०प्र० शासन द्वारा शासनादेश संख्या 3438/9-1-2022-04 निर्वाचन/2017 दिनांक 04 नवम्बर 2022 जारी किया गया है। इस शासनादेश में नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा 9-क की उपधारा (2) के अधीन पिछड़े वर्गों के लिए किसी नगरपालिका में आरक्षित किये जाने वाले स्थानों की संख्या उस नगर पालिका में कुल स्थानों की संख्या का 27 प्रतिशत होने यदि स्थानों की ऐसी राख्या का धारण करने में कोई शेष बचता है तो भाजग का आधा या आधे से कम है तो इसे छोड़ दिये जाने, यदि भाजक के आधे से अधिक है तो भागफल में एक बढ़ा दिये जाने के स्पष्ट निर्देश दिये है।
इस प्रकार नगर पालिका परिषद हाथरस के 35 वार्डों / कक्षों के लिए 9.45 अर्थात 9 कक्ष / वार्ड पिछड़े वर्ग हेतु आरक्षित होने चाहिए। इसी प्रकार अनुसूचित जाति वर्ग हेतु 21 प्रतिशत आरक्षण के दृष्टिगत 7.35 कक्ष अर्थात 07 कक्ष / वार्ड आरक्षित किये जाने हैं, लेकिन नगर पालिका परिषद हाथरस के कक्षों के निर्धारण में पिछडे वर्ग हेतु 09 कक्ष / वार्डो के स्थान पर 08 कक्ष / वार्डो तथा अनुसूचित जाति वर्ग हेतु 07 के स्थान पर 09 कक्ष / वार्डों को आरक्षित किया गया है, जोकि आरक्षण हेतु निर्गत शासनादेश / अधिनियम में उल्लिखित व्यवस्थाओं के विपरीत है। इसी प्रकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछडे वर्ग एवं अनारक्षित कक्ष / वार्डो में नियमानुसार 33 प्रतिशत महिला वर्ग आरक्षित है, जो त्रुटिपूर्ण आरक्षित के प्रभाव से प्रभावित हुआ है, जिसे भी पुन संशोधित किया जाना है।
आपत्ति पत्र में कहा गया है कि सीमा विस्तार होने के कारण पूर्व वार्डो एवं नवीन क्षेत्र के आधार पर नये सिरे से वार्डो का गठन किया गया है, जिसमें वार्डों की जनसंख्या, क्षेत्रफल और उनकी दिशाएँ पूर्णरूप से नये सिरे से गठित की गई है। जब सभी 35 वार्डों को पूर्णरूप से परिवर्तित किया गया है, तो ऐसी स्थिति में सभी वार्डों / कक्षों का आरक्षण वार्डो की जनसंख्या (अनुसूचित जाति, पिछडा वर्ग) के आधार पर नये सिरे किया जाना था, जो नहीं किया गया है। उक्त परिस्थितियों के दृष्टिगत नगर पालिका परिषद हाथरस के कक्ष / वार्डो के आरक्षण को पुनः संशोधित / सुधारते हुए शासनादेश एवं अधिनियम में उल्लिखित व्यवस्थाओं के अनुरूप गठित कर आरक्षण निर्धारण करने की मांग की है। वहीँ वार्ड 13 के सभासद वीरेंद्र माहौर ने वार्ड 3 के आरक्षण पर आपत्ति लगाई है तो वार्ड 19 के सभासद प्रदीप शर्मा ने वार्ड 30 के आरक्षण पर शासनादेश की अवहेलना करने के आरोप लगाते हुये आपत्ति दर्ज कराई है और नियमानुसार वार्ड का आरक्षण करने की मांग की है।