हाथरस । कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जनपदीय रबी गोष्ठी के दौरान जिलाधिकारी अर्चना वर्मा ने किसानों की समस्याओं को सुना तथा संबंधित अधिकारियों को संचालित योजनाओं का लाभ किसानों को पारदर्शिता पूर्ण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने मौजूद किसानों की समस्याऐं सुनते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि किसानों की योजनाओं का लाभ कृषकों को वैज्ञानिक तकनीक के साथ पूरी पारदर्शिता से दिलायें, जैविक खेती को बढावा दिया जाये। यूरिया के साथ ही नेनो यूरिया को डेमोस्टेªशन लगाकर प्रोत्साहित किया जाये। उन्होंने कहा कि खुले में घूम रहे गौवंशों को गोशालाओं में पहुंचाने के निर्देश दिए। जिससे कृषकों की रबी की फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। जनपद में यूरिया उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, उर्वरक प्राप्त करने में कोई भी असुविधा होने पर अधिकारियों को सूचित करें। उर्वरकों की कालाबाजारी करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही अमल में लायेगी। यूरिया उर्वरक कृषकों को सुगमतापूर्वक निर्धारित दरों पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। गोष्ठी में मुख्य विकास अधिकारी साहित्य प्रकाश मिश्र ने कृषकों की समस्याओं का तत्काल निराकरण करने के निर्देश दिये। प्रगतिशील कृषक, नरेन्द्र कुमार शर्मा, निवासी लाखनू, गेदा सिंह रावत, निवासी मुरसान के द्वारा जैविक खेती पर अपने विचार रखे। कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र, उप कृषि निदेशक, जिला उद्यान अधिकारी, अधिशासी अभियन्ता सिंचाई, जिला कृषि रक्षा अधिकारी के द्वारा विभागीय योजनाओं के बारे विस्तार से जानकारी दी गयी।
जिला कृषि अधिकारी, आर0के0 सिंह ने यूरिया की आपूर्ति एवं वितरण के सम्बन्ध में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2022-23 में माह दिसम्बर तक यूरिया के लक्ष्य 34000 मीट्रिक टन के सापेक्ष 27050 मै0टन आपूर्ति हुयी है। जिसमें से 19670 मीट्रिक टन का वितरण हो चुका है। 7380 मीट्रिक टन की उपलब्धता है, यूरिया प्रीपोजिशिंनिंग 2047 मी.टन स्टॉक का प्रेषण साधन सहकारी समितियों को किया जा रहा है। अलीगढ रेक प्वाइन्ट से 300 मी.टन एनएफएल यूरिया एवं 1100 मी.टन कृभको यूरिया की आपूर्ति आज हो रही है। हाथरस किला रेक प्वाइन्ट पर 2600 मी.टन इफको यूरिया की रेक दिनांक 07.12.2022 को लगना प्रस्तावित है। उन्होंने कृषक भाइयों से अनुरोध है कि उर्वरक बिक्री केन्द्रों पर उर्वरक खरीद करते समय आधार कार्ड, जमीन की खतौनी की छायाप्रति अवश्य लेकर जाये। उन्होंने सभी उर्वरक बिक्रेताओं को निर्देशित किया है कि स्टॉक बोर्ड पर स्टॉक एवं उर्वरक दर अवश्य अंकित करें, स्टॉक एवं बिक्री रजिस्टर दैनिक रूप से पूर्ण करें। उर्वरक की बिक्री पॉस मशीन के द्वारा ही करें। कृषक की जोत के अनुसार ही उर्वरक उपलब्ध करायें।
उर्वरक के सम्बन्ध में किसान भाइयों की समस्याओं के निस्तारण हेतु जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में कन्ट्रोल रूम के मोबइल नम्बर 9759046573 एवं 9410290381 पर सम्पर्क स्थापित कर सकते हैं।
गोष्ठी के दौरान परियोजना निदेशक राजेश कुरील, जिला उद्यान अधिकारी, अधिशासी अभियंता सिंचाई एवं अन्य समस्त सम्बन्धित अधिकारी एवं जनपद के कृषक उपस्थित रहे।
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