दिव्यांगजन हेतु विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन
हाथरस । दिव्यांग विद्यालय, जलेसर रोड़ हाथरस में दिव्यांगजन हेतु विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के आदेशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस के तत्वाधान में दिव्यांगजनों के हेतु विधिक साक्षरता शिविर/गोष्टी का आयोजन जनपद न्यायाधीश अध्यक्ष मृदुला कुमार के निर्देशानुसार दिव्यांग स्कूल, जलेसर रोड, हाथरस में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस की सचिव कुमुद उपाध्याय की अध्यक्षता में किया गया, जिसमें स्थायी लोक अदालत के सदस्य, मनीष कौशिक, डॉ एम.एल. रावत, अध्यक्ष, रावत शिक्षा समिति, जलेसर रोड, हाथरस, रामेश्वर सारस्वत प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ पश्चिमी उत्तर प्रदेश, डॉ उपेंद्र झा, वरिष्ठ कवि प्रदेश प्रवक्ता, एस.पी. उपाध्याय, प्रदेश संगठन मंत्री, दिनेश गांधी, राजबाला, जिला अध्यक्ष, दिव्यांग विकास संगठन एवं दिव्यांग सेना हाथरस, श्रीमती शोभा शर्मा आदि की उपस्थिति में उपस्थित दिव्यांजन एंव जनता को जानकारी देते हुये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव कुमुद उपाध्याय द्वारा बताया गया कि सरकार की योजना का मुख्य उद्देश्य नित्रहीन, मुखबधिर, तथा शारीरिक रूप से विकलांग निराश्रित पुरूष तथा महिलायें जों बाधित होने के कारण किसी प्रकार का परिश्रम नही कर सकते हैं, उनका कोई आर्थिक श्रोत भी नही हैं ऐसे व्यक्तियों को भरण-पोषण के लिए तथा अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दिव्यांगजन की शादी समारोह में शादी विवाह पुरूस्कार प्रोत्साहन में अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले दिव्यांगजन की आयु 18 वर्ष से कम न हो, दिव्यांगजन की आय 46,080/रू0 वार्षिक से अधिक न हो। वे सभी दिव्यांगजन पेंशन योजना की पात्रता की श्रेणी में आते हैं। पेंशन योजना का लाभ पाने हेतु ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है, तथा उसकी मूल प्रति जिला विकलांग कल्याण कार्यालय में जमा की सकती है। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि हम सभी को दिव्यांगजन के प्रति सहानभूति अपनानी चाहिए। ईश्वर यदि कोई अंग नही देता है तो उसके लिए शक्ति अवश्य ही प्रदान करता है। दिव्यांगजन के अन्दर दो हाथ का कार्य एक हाथ से ही कर सकता है।
डा0 एम0एल0 रावत अध्यक्ष दिव्यांग स्कूल जलेसर रोड हाथरस ने अपने वक्तव्य में कहा कि दिव्यांगजन की पीड़ा मैंने स्वंय पैरालाइसिस होने पर देखी। मैंने देखा कि विकलांग को कितनी पीडा होती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति अपने लिए ही कार्य करता है। दूसरों के लिए नही, जो लोग दूसरे लोगांे की सहायता करते है, परमात्मा उनकी सहायता करता है। पैरालाइसिस होने के उपरान्त भी मैं इन्हीं सभी के सहयोग से पूर्ण तरह से ठीक हो गया।
विधिक साक्षरता शिविर का सफल संचालन स्थायी लोक अदालत के सदस्य, मनीष कौशिक द्वारा किया गया। इस अवसर पर काफी संख्या में दिव्यांगजन एवं जनता उपस्थित रही।