डीएम ने बागला संयुक्त जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण

हाथरस । जिलाधिकारी रमेश रंजन ने बागला संयुक्त जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण कर अस्पताल में भर्ती मरीजों से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी की तथा आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने एवं साफ सफाई की व्यवस्था दुरूस्त रखने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पर्ची काउंटर, फीवर हैल्थ डेस्क, सर्जन कक्ष, नेत्र परीक्षण कक्ष, दवा वितरण कक्ष होम्योपैथिक/एलोपेथिक कक्ष, ए0आर0बी इंजेक्शन कक्ष, पैथोलोजी कक्ष, महिला ओ0पी0डी0 कक्ष, लेबर रूम, एस0एन0सी0यू0 कक्ष, बायो केमिकल लैब, पोषण पुनर्वास केंद्र, जनरल महिला/पुरुष वार्ड, टॉयलेट मेल/फीमेल, आपातकालीन कक्ष तथा होमो डायलिसिस यूनिट का निरीक्षण किया।
जिलाधिकारी ने सर्जन कक्ष का निरीक्षण किया। चिकित्सक डा0 अनिल कुमार मौर्य ने बताया कि 50-60 मरीज प्रतिदिन आते हैं, आने वाले मरीजों के लगभग सभी टेस्ट जिला अस्पताल में ही किए जाते हैं। सर्जन कक्ष में अनावश्यक सामग्री रखे होने पर जिलाधिकारी ने अनावश्यक सामग्री को तत्काल हटाने के निर्देश दिए। पर्ची काउंटर/फीवर हैल्थ डेस्क पर भीड़ अधिक होने पर जिलाधिकारी ने आने वाले मरीजों के बैठने हेतु उचित प्रबंध करने तथा दवा वितरण कक्ष के बाहर लम्बी-लम्बी लाईन लगे होने पर उन्होंने सी0एम0एस0 से दवा वितरण हेतु टोकन व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए। जिससे अनावश्यक लोगों को लाईन में नहीं लगना पड़ेगा, नम्बर आने पर वह अपनी दवा प्राप्त कर सकता है। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि खून की जाँच हेतु मरीज का सेम्पल दूसरे कक्ष में तथा पंजीकरण का कार्य दूसरे कक्ष में किया जा रहा है जिससे मरीजों को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिस पर जिलाधिकारी ने सेम्पल एवं पंजीकरण का कार्य एक कक्ष में संचालित करने एवं जाँच रिपोर्ट ससमय उपलब्ध कराने के सख्त निर्देश दिए। नेत्र परीक्षण अधिकारी डा0 नीरव शर्मा ने बताया कि प्रतिदिन लगभग 125-150 मरीजों की आँखों की जाँच की जाती है। एक नेत्र सर्जन डा0 पुनीता त्रिपाठी तैनात हैं। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने स्वयं अपनी आँखों जाँच कराई। ए0आर0वी0 इंजेक्शन कक्ष का निरीक्षण कर प्रतिदिन लगने वाले इंजेक्शनों आदि के बारे में जानकारी की तथा वहाँ पर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षुकों को बेहतर प्रशिक्षण दिये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने पोषण पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण किया उपस्थित आहार विशेषज्ञ पारूल जौहरी ने बताया कि पोषण पुनर्वास केंद्र में 05-05 वेड के दो कक्ष संचालित है तथा एक कक्ष प्ले रूम का है। वर्तमान में कुल 10 बच्चे भर्ती हैं। भर्ती कुपोषित बच्चों के माता-पिता से वार्ता की तथा उन्होंने 14 दिन तक रह कर बच्चों का इलाज कराने के निर्देश दिए तथा डॉक्टरों द्वारा दिए जाने वाले सुझावों का अनुपालन करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए तथा आंगनवाड़ी, पी0एच0सी0 तथा सी0एस0सी0 सेंटरों से अधिक से अधिक कुपोषित बच्चों को एन0आर0सी0 में भर्ती कराने के निर्देश दिए जिससे कि कुपोषित बच्चों को सुपोषित की श्रेणी में लाया जा सके। जिसके लिये बच्चों को नियमित रूप से गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसके पश्चात् उन्होंने महिला अस्पताल में ओ0पी0डी0 कक्ष, लेबर रूम, डिलीवरी कक्ष, एस0एन0सी0यू0 कक्ष का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। अपातकालीन कक्ष का निरीक्षण किया जहाँ पर वर्तमान में 06 बैड की व्यवस्था है जिस पर जिलाधिकारी ने सी0एम0एस0 को अधिशासी अभियन्ता लोक निर्माण विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए बगल में रिक्त पड़े स्थान पर अतिरिक्त आपातकालीन कक्ष बनाने हेतु कार्यवाही करने के निर्देश दिए। जिससे कि अधिक से अधिक मरीजों को भर्ती करने के साथ-साथ बेहतर इलाज मुहैया कराया जा सके। इसके पश्चात उन्होंने नवनिर्मित होमो डायलिसिस यूनिट कक्ष का निरीक्षण किया। उन्होंने कक्ष में डायलिसिस मशीनों का इंस्टालेशन कराते हुए संचालित करने के निर्देश दिए। जिससे कि मरीजों को इसका लाभ मिल सके। जिलाधिकारी ने सी0एम0एस0 को जिला अस्पताल में पार्किंग स्थल निर्धारित करते हुए पार्किंग की व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित करने तथा पार्किंग स्थल पर सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाने के निर्देश दिए।

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