सभासदों के पुत्र भी सफाईकर्मी, नगर पालिका हाथरस में भृष्टाचार को लेकर भाजपा सभासदों ने कमिश्नर को सौपी शिकायत

हाथरस। नगर पालिका हाथरस में व्याप्त भृष्टाचार एवँ वार्ड १६ के फ्रेंड्स कॉलोनी में अधूरे बरातघर के बंद काम को लेकर सभासदों का प्रतिनिधमंडल आज अलीगढ़ जाकर कमिश्नर से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने कमिश्नर को लिखित शिकायत सोपी। उन्होंने बिना बोर्ड की परमिशन के लाखों रूपये के कबाड़ को बेचने एवँ फर्जी सफाई कर्मचारियों की शिकायत की । कमिश्नर गौरव दयाल ने तुरंत कार्यवाही करते हुये जांच के आदेश दे दिये। सभी शिकायतों की एडीएम बसंत अग्रवाल जांच करेंगे। वहीँ नगर पालिका में भाजपा सभासदों का धरना 6 ट्वे दिन भी जारी रहा।

कमिश्नर को सौपे शिकायती पत्र में कहा है कि हाथरस नगर पालिका में भारी भृष्टाचार व्याप्त है। पालिकाध्यक्ष एवँ अधिशासी अधिकारी मनमानी कर रहे है। विभिन्न विकास कार्यो के लिये बोर्ड की स्वीकृति नही ली जा रही। वार्ड 16 की फ्रेंड्र्स कॉलोनी में अवस्थापना निधि से स्वीकृत बरातघर के थोड़े से निर्माण के बाद 3 साल से कार्य बंद है। जब कि बरातघर को 7 जून 2019 तक पूर्ण करना था। अधूरे काम के बाबजूद ठेकेदार को 8 लाख का भुगतान भी कर दिया गया। इस मामले को लेकर हम सभासदों ने मजबूरन नगर पालिका में धरना दिया जो कि तीन दिन चला। अधिशासी अधिकारी ने अगले 15 दिवस में पुनः निविदा प्रक्रिया एवँ अन्य समस्त औपचारिकता पूर्ण कर बरातघर पर काम शुरू करने का मौखिक आश्वासन दिया था। इस सम्बंध में अधिशासी अधिकारी द्वारा कार्यवाही की गई उसके बाद हमने अपना धरना समाप्त कर दिया। लेकिन उक्त कार्यवाही को आगे नही बढ़ाया जा रहा है और न ही बरातघर पर काम शुरू कराया का रहा। वार्ड 16 के सभासद विगत 5 दिनों से पालिका में धरने पर बैठे है और न्याय की मांग कर रहे है। विकास कार्यो में घोर लापरवाही के लिये दोषियों के खिलाफ उचित कार्यवाही करने एवँ बरातघर के बन्द कार्य को शुरू कड़ाने की मांग की।
शिकायती पत्र में नगर पालिका में ठेके पर फर्जी सफाई कर्मी कार्य कर रहे है। यह उच्च जाति के एवँ संम्पन्न लोग है। कुछ सभासदो के पुत्र भी सफाई कर्मचारी है जो वास्तविक रूप से कही कार्य भी नही करते है। इनके नाम पर पैसे निकालकर प्रत्येक माह लाखों रूपये का भ्रष्टाचार किया जा रहा है। पालिका में कार्यरत ठेका सफाईकर्मियों का भौतिक सत्यापन कराये जाने की मांग की।
नगर पालिका कर्मचारियों एवँ अधिकारियों द्वारा षड्यंत्र रच कर पालिका की संम्पत्तियों को बेचा जा रहा है। 16 जून को साय को जब पालिका आफिस बंद हो गया तब नगर पालिका में रखे लाखों रूपये के कबाड़ को लेने एक ट्रक एवँ हाइड्रा को हम सभासदों ने पकड़ लिया। हमने कबाड़ लेने आये लोगों से कबाड़ भरने से सम्बंधित कागज मांगे तो वह कुछ भी नही दिखा सके। कबाड़ भरते समय कोई भी नगर पालिका का अधिकारी मौजूद नही था।
कबाड़ भरने आये ट्रक एवँ हाइड्रा के चालकों ने भागने की कोशिश की तो हमने ने पालिका का गेट बंद कर दिया। चेयरमैन को फोन कर पूरे मामले से अवगत करा दिया गया है। इसके बाद भी रात में ट्रक को गेट खोलकर निकल दिया गया। महोदय कबाड़ की नीलामी से सम्बंधित कोई भी प्रस्ताव बोर्ड की बैठक में नही आया। जब बोर्ड ने स्वीकृति नही दी तो अधिकारी कैसे नीलम कर सकते है।यह नगर पालिका की संपत्ति है। पालिकाध्यक्ष या अधिशासी अधिकारी को इसे बेचने का अधिकार नही है। नये टेम्पो को कबाड़ में बेच जा रहा है। आखिर किसने कहने पर 4 साल पूर्व खरीदे गये टैम्पो को कंडम घोषित करने की रिपोर्ट दी। पालिका का बोर्ड तय करेगा कि नीलामी की जाये या नही। उसके उपरांत ही नीलामी की कमेटी गठित होकर अगली प्रक्रिया लायी जायेगी। जब बोर्ड में नीलामी का प्रस्ताव ही नही आया तो लाखों रूपये के कबाड़ को किसके कहने पर बेचा जा रहा है। लाखों रूपये का भृष्टचार किया जा रहा है।
कमिश्नर से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में सभासद दल के अध्यक्ष प्रदीप शर्मा ,नारायण लाल ,वीरेंद्र माहौर ,निशान्त उपाध्याय, सभासद प्रतिनिधि हरप्रसाद माहौर,राजेन्द्र गोयल आदि थे।

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