देवी सावित्रीबाई फुले ने जीवन भर महिलाओं के अधिकार के लिए किया संघर्ष :धर्मेन्द्र ,आरएसएस ने जन्मोत्सव पर किया नमन

हाथरस। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सामाजिक समरसता गतिबिधि द्वारा भारत की प्रथम महिला शिक्षका देवी सावित्री बाई फुले के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में विचार गोष्ठी एवँ महिला सम्मान समारोह का आयोजन मुरसान में किया गया। इस अवसर पर महिलाओं को सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता जिला प्रचारक धर्मेन्द्र ने कहा कि जिस समय महिलाऐं घर से निकलने की सोच भी नही सकती थी उस कठिन समय में पहली महिला शिक्षका के रूप मे महिलाओं को शिक्षा देने का काम देवी सावित्री बाई फुले ने किया । उन्होंने कहा कि देवी सावित्रीबाई फूले ने सिर्फ शिक्षा के लिए ही संघर्ष नहीं किया, बल्कि उन्होंने देश में कुरीतियों के खिलाफ भी आवाजा बुलंद की। उन्होंने छुआ-छूत, बाल-विवाह, सती प्रथा और विधवा विवाह निषेध जैसी कुरीतियों का विरोध किया और इनके खिलाफ लड़ती रहीं। जीवनभर उन्होंने महिलाओं के अधिकार के लिए संघर्ष किया।उन्होंने उपस्थित सभी माताओं, बहिनों से कहा कि देवी साबित्री बाई फुले व रानी लक्ष्मीबाई प्रत्येक नारी में विद्यमान होती है। उन्होंने कहा कि समाज को प्रेरणा देने का कार्य करने वाली इन देवियों को आदर्श मानकर माताएं बहिने आगे बढ़ें।
अंत मे कार्यक्रम संयोजक ब्रजेश त्रिपाठी ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला समाजिक समरसता प्रमुख धर्मेन्द्र ने की तथा संचालन मुरसान खंड कार्यवाह कृष्णा चौधरी ने किया।
इस अवसर पर जिला कार्यवाह रामकिशन ,जिला सह कार्यवाह उमाशंकर ,मुरसान नगर संघचालक बद्री प्रसाद ,हाथरस नगर समरसता प्रमुख राहुल सहित आदि प्रमुख लोग उपस्थित रहे।

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