अलीगढ़: बबली ने अनामिका शुक्ला के खोले कई राज

अलीगढ़। बिजौली के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में अनामिका शुक्ला के नाम से उसके फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने वाली बबली यादव ने गिरफ्तारी के बाद कई राज खोले हैं। बताया जा रहा है कि प्रदेश के कई जिलों में फर्जी अनामिका शुक्ला बनाने वाले रैकेट का सरगना कोई और नहीं, बल्कि बबली को नौकरी दिलवाने वाला पुष्पेंद्र उर्फ सुशील ही है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसी पुष्पेंद्र का नाम अन्य जिलों में हुईं गिरफ्तारियों के बाद भी सामने आया है। वहीं, बबली ने भी पूछताछ में स्वीकारा है कि इसी पुष्पेंद्र ने उसकी रिश्तेदार दो महिलाओं को जो प्रयागराज व बागपत में ज्वाइन करा दिया। वहीं परिवार के दो युवकों को भी इसी तरह फर्जीवाड़ा कर नौकरी दिलाई थी, मगर उनकी अभी ज्वाइनिंग नहीं हो पाई है।
यह तथ्य सामने आने पर एसपी क्राइम के निर्देशन में पुलिस की दो टीमें अब पुष्पेंद्र उर्फ सुशील, उसकी महिला मित्र राजबाला व बबली के रिश्ते के बहनोई बल्लू यादव की तलाश में जुट गई हैं। पुलिस पूछताछ व जांच में सामने आया है कि बबली यादव को अलीगढ़ में व उसके परिवार की दो महिलाओं को क्रमश: प्रयागराज व बागपत में अनामिका शुक्ला के नाम से ज्वाइन कराया गया। वहीं, दो अन्य युवकों को भी बेसिक शिक्षा में ही पुष्पेंद्र ने ही नौकरी दिलवाई मगर वह ज्वाइन नहीं कर पाए। एसपी क्राइम ने बताया कि अन्य कई जिलों में भी इसी पुष्पेंद्र की मदद से नौकरी मिलने की बात सामने आई है। इस तरह हमारी टीम अब पुष्पेंद्र, राजबाला व बल्लू के पीछे लगी है।
बबली ने पूछताछ में यह बात भी स्वीकारी है कि वह इस रैकेट को तनख्वाह में से 10 हजार रुपये प्रतिमाह भी देती थी। वह रकम कैसे जाती थी, इस बात की तस्दीक पुलिस स्तर से कराई जा रही है। अगर वह रकम खाते में ट्रांसफर होती तो किस खाते में और नकद जाती थी तो किस जरिए।

error: Content is protected !!