औषधीय गुण युक्त पांच वृक्षों को लगाकर मण्डी समिति परिसर में की गई पंचवटी की स्थापना

हाथरस, पीपल, बेल, वट, आंवला एवं अशोक ये पांचों वृक्ष पंचवटी कहे गए हैं इन पांच वृक्षों में अद्वितीय औषधीय गुण है आंवला विटामिन सी का सबसे समृद्ध स्त्रोत है एवं शरीर को रोग प्रतिरोधी बनाने की महाऔषधि है
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक हृयूमन राइट्स द्वारा मण्डी समिति परिसर में पंचवटी की स्थापना की गई है
आरएसएस विभाग प्रचारक जितेंद्र द्वारा पंचवटी मे वृक्षारोपण करते हुए कहा कि एडीएचआर की पंचवटी की स्थापना की पहल भारतीय संस्कृति को पुनस्र्थापित करेगी पंचवटी अंनत फल व तपस्या का फल प्रदान करने वाली है पंचवटी का औषधीय महत्व पौराणिक है प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में पंचवटी की स्थापना अवश्य करनी चाहिए
एडीएचआर राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन वार्ष्णेय ने कहा कि हम अपनी भारतीय संस्कृति से दूर होते चले गए जिससे हमारी ऋषि-मुनियों द्वारा स्थापित पद्धतियों का ज्ञान आज की युवा पीढ़ियों को नहीं है हम भारतीय संस्कृति को पुनः स्थापित कर विश्व गुरु बन सकते हैं पंचवटी से बहुत से रोगों का निदान और वातावरण शुद्ध होता है इसके साथ-साथ इसका पर्यावरणीय महत्व भी काफी गहन है
एडीएचआर राष्ट्रीय प्रवक्ता देवेंद्र गोयल व जिलाध्यक्ष सौरभ सिंघल ने बताया कि बरगद शीतल छाया प्रदान करने वाला विशाल वृक्ष, पीपल प्रदूषण शोषित करने वाला, अशोक सदाबहार वृक्ष, बेल की पत्तियों,काष्ठ एवं फल में तेल ग्रंथियां होती है जो वातावरण को सुगंधित रखती है हमें आज ऐसे माहौल की आवश्यकता है जो हमें प्रकृति द्वारा प्राप्त हो।
वृक्षारोपण मे जिला सह कार्यवाह उमाशंकर गुप्ता, नगर सह कार्यवाह मुकेश बंसल, समाजसेवी सुनीत आर्य, शैलेंद्र सांवलिया, राजेश वार्ष्णेय, नरेंद्र बंसल, अमन बंसल, प्रवीन कोठारी, तुषार वार्ष्णेय, उपवेश कौशिक, अमित गर्ग, भानु प्रकाश वार्ष्णेय, विनोद शर्मा, आकाश, मदनलाल, संजय वार्ष्णेय आदि उपस्थित रहे।

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