वन विहार को गये स्वयंसेवक की बस को जिला प्रचारक धर्मेन्द्र ने झंडी दिखाकर किया रवाना

सासनी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा बसंत पंचमी उत्सव हर्षउल्लास के साथ मनाया। वहीँ वीर हकीकत राय के बलिदान दिवस पर उन्हें याद किया गया। कार्यक्रम उपरांत सभी स्वयंसेवक वन विहार हेतु शेखाझील को रवाना हो गये। बस को जिला प्रचारक धर्मेन्द्र ने झंडी दिखाकर रवाना किया।
नगर के सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित बसन्त पंचमी उत्सव में माँ सरस्वती का पूजन कर पुष्प अर्पित किये। इस अवसर पर जिला प्रचारक धर्मेन्द्र ने वीर हकीकत राय के जीवन पर प्रकाश डालते हुये कहा कि वीर हकीकत राय अपने धर्म एवँ राष्ट्र से बहुत प्रेम करते थे। एक बार अन्य धर्म के लोगों ने हिन्दू धर्म के प्रति अशोभनीय टिप्पणी की तो उन्होंने उसका विरोध किया। जब यह लोग नही माने तो वीर हकीकत राय ने हिन्दू धर्म पर अशोभनीय टिप्पणी करने वालों के खिलाफ आवाज उठाई और उन्हें ललकारा। मुगलों का शासन था इसलिए वीर हकीकत राय को जेल में बन्द कर दिया गया और उन्हें यातनाये दी गई। उन्हें धर्म परिवर्तन करने को कहा गया ।लेकिन हकीकत राय ने कहा दिया मैं अपने धर्म में ही मरना पसंद करूँगा। मैं जीते-जी दूसरों के धर्म में नहीं जाऊँगा।
क्रूर शासकों ने हकीकत राय की दृढ़ता देखकर अनेकों धमकियाँ दीं लेकिन उस बहादुर किशोर पर उनकी धमकियों का जोर न चल सका। उसके दृढ़ निश्चय को पूरा राज्य-शासन भी न डिगा सका।
अंत में मुगल शासक ने उसे प्रलोभन देकर अपनी ओर खींचना चाहा लेकिन वह बुद्धिमान व वीर किशोर प्रलोभनों में भी नहीं फँसा। आखिर क्रूर मुसलमान शासकों ने हकीकत राय का शिरोच्छेद का आदेश दिया । हकीकत राय ने 14 वर्ष की नन्हीं सी उम्र में धर्म के लिए अपनी कुर्बानी दे दी। उसने शरीर छोड़ दिया लेकिन धर्म नही छोड़ा।
हकीकत राय तो धर्म के लिए बलिवेदी पर चढ़ गया लेकिन उसकी कुर्बानी ने हजारों-लाखों जवानों में एक नया जोश भर दिया।
इस आवास पर जिला सेवा प्रमुख आलोक पचौरी,तहसील प्रचारक कन्हैया,खंड संघचालक डॉ विनय ,मुरसान नगर खंड प्रचारक दीपक ,नगर कार्यवाह योगेश ,नगर शारीरिक प्रमुख राजेश,उपखंड कार्यवाह कमलकांत,नगर सह शारीरिक प्रमुख विद्यानिवास, दुर्गेश पचौरी, खंड प्रचार प्रमुख शुभेन्द्र पाठक आदि उपस्थित रहे।

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