आर्यावर्त बैंक, बड़ौदा यूपी बैंक और प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक का हुआ विलय, अब नया नाम ‘उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक

हाथरस। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी राजपत्र के अनुसार, उत्तर प्रदेश के उपरोक्त तीनों क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों — आर्यावर्त बैंक, प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक और बड़ौदा यूपी बैंक — का विधिवत विलय हो गया है। यह विलय 01 मई 2025 से प्रभावी हो गया है। अब यह तीनों बैंक मिलकर ‘उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक’ के नाम से कार्य करेंगे। भारत सरकार की “एक राज्य, एक ग्रामीण बैंक” नीति के तहत यह ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। इसके अंतर्गत आर्यावर्त बैंक के हाथरस क्षेत्र के हाथरस एवं मथुरा जिले में कार्यरत 55 शाखाएं अब ‘उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक’ के नाम से जानी जाएंगी।
उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक द्वारा ग्राहकों को नए बैंक एवं योजनाओं के बारे में जानकारी देने और जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से सभी शाखाओं में ग्राहक जागरूकता चौपाल प्रतिदिन लगाई जा रही है । जिसके अंतर्गत प्रतिदिन 3 से 4 शाखाओं में इस चौपाल का आयोजन किया जा रहा है । आज की चौपाल शाखा- बरौस की शाखा प्रबंधक सुमन सिंह पटेल , हतीसा के शाखा प्रबंधक लाखन सिंह और दामोदरपुरा की प्रबंधक पूजा के नेत्रत्व में लगाई गई l इस कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं और योजनाओं की भी जानकारी दी गई और अवगत कराया गया कि ग्रामीण बैंक के इस विलय से बैंक की परिचालन में दक्षता बढ़ेगी जिससे लागत कम होगी और संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा l अब किसानों और ग्रामीण उद्यमियों को ऋण वितरण में वृद्धि से प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा । डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का विस्तार होगा, जिससे दूरदराज के क्षेत्रों तक आधुनिक बैंकिंग सुविधाएं पहुंच सकेंगी । यह विलय न केवल ग्रामीण बैंकिंग प्रणाली को सशक्त बनाएगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई गति देगा । अब सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में एक ही ग्रामीण बैंक ‘उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक’ कार्य करेगा जो केंद्र और राज्य सरकारों की सभी जन कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और लघु उद्योगों के विकास में बेहतर कार्य करने में सक्षम होगा और लोगों की आय में वृद्धि होगी तथा जन-जन तक इन योजनाओं का लाभ पहुंचेगा l

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