हाथरस। वृजांचल के परम पूज्य, प्रातः स्मरणीय संत श्री पंडित गया प्रसाद जी महाराज की स्मृति निमित्त धर्मसंघ के अध्यक्ष स्वर्गीय पंडित श्री सुरेश चंद्र मिश्र जी की प्रेरणा से, श्री रामकथा प्रवक्ता,मानस मर्मज्ञ स्वर्गीय पण्डित श्री कृष्ण गोपाल रावत( के जी गुरु) के निर्देशन में,धर्मसंघ महामंत्री स्वर्गीय जयप्रकाश शर्मा के कठिन परिश्रम व्यवस्थापक द्वारा पंडित मनोज द्विवेदी संयोजक की सहभागिता से ईश्वरीय आयोजना संयोजन की जिम्मेदारी में श्री संत सेवा समिति का गठन हुआ था जिसमें बाबा के आस्थावान भक्तो का भावनात्मक सराहनीय सहयोग मिलने पर श्री कृष्ण गौशाला हाथरस में पंडित श्री गयाप्रसाद जी महाराज का त्रिदिवसीय आविर्भाव महोत्सव कार्तिक शुक्ला षष्ठी कोधूमधाम से एवम् तिरोभव महोत्सव भादो कृष्ण पक्ष चौथ को मनाया जाने लगा इसी क्रम में श्री कृष्ण गौशाला के परम गौभक्त पडित श्री रामजीलाल शर्मा के आग्रह विशेष प्रेरणा पर गौशाला स्थित पूज्य बाबा की समाधि में होने वाली श्री सत्यनारायण कथा का शुभारम्भ भी जोर शोर से हुआ,जनपद के प्रबुद्ध,प्रखर,वरिष्ठ,वयोवृद्ध,युवा विद्वानों सहित कई महान आचार्य,कथा प्रवक्ताओं एवम् यजमान श्रोताओं ने बहुत ही,सुंदर,सुखद,तात्विक, शास्त्रोक्त,प्रसंग सहित मार्मिक कथा रसास्वादन लाभ प्राप्त किया, वहीं नगर के ही
प्रकांड वरिष्ठ धार्मिक विद्वान श्री ऋषिगोपाल जी दीक्षित द्वारा पण्डित मनोज द्विवेदी को कथा यजमान के रूप में अद्भुत,दिव्य कथा सुनाकर स्वयं से गौशाला को सहायता कथावाचक के रूप में सर्वश्रेष्ठ धनराशि भी भेंट की गई जो की समिति के कार्यकाल में ऐतिहासिक मिशाल है किन्तु श्री संत सेवा समिति के वरिष्ठ पदाधिकारियों कीआकस्मिक मृत्यु अपूर्णीय क्षति हो जाने पर भी मुझे समिति के एकमात्र संयोजक सदस्य को भी महत्वपूर्ण मासिक संकल्प की पूर्ति में नगर के कई धार्मिक आस्था वाले सहयोगियों के साथ कथा के निरंतरता को शुचिता सहित बनाए रखने का काफी भक्तो का सफल प्रयास भी रहा किन्तु कुछ अड़चने आने पर मुझे स्वयं से अकेले समिति को भंग करना पड़ा अंततः कोराना काल जैसी वैश्विक महामारी में भी संकल्प सिद्धि हेतु प्रत्येक माह अपने घर पर ही श्री सत्यनारायण कथा होती रही।
लॉकडॉउन अनलॉक वन होने पर भक्तों के विशेष आग्रह पर द्वितीय कथा स्थल के रूप में श्री भैरव मंदिर ,भैरव बगीची,आगरा रोड, डीआरबी स्कूल के सामने कार्यक्रम होना निश्चित हो गया है।जहां प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष षष्ठी को श्री सत्यनारायण कथा का आयोजन किया जाएगा। वैश्विक महामारी के कारण सरकारी निर्देशों का पालन करते हुए आज दिनांक 26 जुलाई 2020 को सावन के पावन मास में अद्भुत शुभारंभ संयोग भी बना। जिसमें श्री सत्यनारायण भगवान की कथा का विधिवत शुभारंभ कर दिया गया है।
आज की कथा में मुख्य रूप से उपस्थित रहे पंडित भगवती प्रसाद शर्मा,पंडित विष्णु कुमार शर्मा शास्त्री,भगवान दास शर्मा,शैल शर्मा,दिनेश वर्मा,सौरभ अग्रवाल,राधा रानी अग्रवाल, मधु शर्मा, शांति देवी, कुसुम लता आदि भक्त शारीरिक दूरी का पालन करते हुए क्रमशः उपस्थित हुए, श्रद्धा भक्ति के साथ पूजन अर्चन एवं कथा श्रवण कर अपना जीवन धन्य किया।
कथा के आयोजक एवम् मुख्य वक्ता पंडित संतोष कुमार मुखिया जी के निर्देशन में आज की कथा का वाचन पंडित दीन दयाल दुबे, हसायन द्वारा किया गया । कथा के संयोजक यजमान पंडित मनोज कुमार द्विवेदी रहे।
ठाकुर श्री मदन मोहन सरकार की प्रेरणा से आयोजक पण्डित संतोष कुमार मुखिया जी
के मार्गदर्शन में यह कथा हरि इच्छा से प्रत्येक माह भैरव मंदिर पर आयोजित की जाएगी।
भादो शुक्ल पक्ष षष्ठी की कथा हेतु समस्त भक्त सादर आमंत्रित हैं बाबाश्री पंडित जी महाराज के समस्त आस्थावान भक्त, श्री सत्यनारायण भगवान की कथा के प्रेमी श्रोता गण एवं भैरव मंदिर से जुड़े हुए सभी भक्तजन सादर आमंत्रित हैं। कथा का समय अप्रान्ह( दोपहर बाद) 2:00 से 5:00 होगा।
कथा के अगले यजमान और प्रवक्ता आचार्य का नाम भादो षष्ठी को कथा प्रांगण पर बताया जाएगा और अगले महीने के यजमान और आचार्य का नाम भी घोषित किया जाएगा।
विशेष सूचना
पूज्य बाबा श्री पंडित जी महाराज की श्रृद्धा सानिध्य में श्री सत्यनारायण कथा हेतु किसी भी भक्त से किसी भी प्रकार का कोई चंदा या धनराशि हमारे (पण्डित मनोज द्विवेदी) द्वारा नही ली जाती है। और ना ही पूर्व में ली गई है ना ही भविष्य में ली जाएगी।प्रसाद स्वरूप पत्रम, पुष्पम, फलं, तोयम के साथ साथ भक्तों के भाव सुझाव सहयोग सदैव शिरोधार्य होंगे।
विनम्र निवेदन
श्री सत्यनारायण कथा व पूज्यबाबा के आस्थावान सभी भक्त मंदिरप्रांगण, कथास्थल,आचार्यों व श्रोताओं के सानिध्य में भी आर्थिक सहयोग व लेन देन न करें।बाबा के प्रति जागरूक शारीरिक,मानसिक,आध्यात्मिक भक्ति भावनात्मक जुड़ाव महसूस करें और कराएं।यही सच्ची सेवा होगी।
जिसने भी अब तक जैसा भी साथ दिया है सभी को बहुत-बहुत साधुवाद, एनुजों को हार्दिक स्नेह प्यार व शुभाशीष,ज्येष्ठ स्वजनों को प्रणाम,वंदन,अभिनंदन एवम् धन्यवाद।