हाथरस। डी०आर०वी०, एम०एल०डी०वी० एवं आर०के०एस०के० इण्टरनेशनल स्कूल में स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंधन के अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। भारत के 78वे स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण कॉलेज प्रेसीडेंट रामगोपाल दालवाले, उपाध्यक्ष आर०पी० कौशिक, प्रबन्धक / डायरेक्टर स्वतंत्र कुमार गुप्त, चेतन्य प्रकाश, प्रधानाचार्या पूनम वाष्र्णेय एवं ज्योति सिंह द्वारा किया गया।
इस अवसर पर देश, भक्ति से ओत-प्रोत कार्यक्रमों के साथ भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में सांस्कृर्तिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। आर०के०एस०के० व एम०एल०डी०वी० के डायरेक्टर स्वतंत्र कुमार गुप्त ने बतलाया कि भारतवर्ष में प्रतिवर्ष मनाये जाने वाले विभिन्न त्यौहार सांस्कृतिक विविधता में एकता को प्रदर्शित करते है। साफ तौर पर कहा जाए तो सभी त्यौहार भारत की रीढ़ की हड्डी की भाँति है जो अपने प्रत्येक कण में विरासत की प्रथाओं को अभी तक जोडे हुए है। रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम का ही नहीं वरन् कर्तव्य के प्रति निष्ठावान रहने का भी प्रतीक है। हालाँकि बदलते परिवेश में महिलाएं अधिक सक्षम व आत्मनिर्भर हैं। आज के परिपेक्ष्य में बहुत सारी महिलाएं अपना ही नहीं बल्कि अपने परिवार का भी गुजारा कर रही हैं। बहनें अपने भाई की कलाई पर विश्वास और आस्था की डोर बांधती हैं। छात्रों की त्यौहारो के प्रति रुचि बढ़ाने व उनको भारतीय परम्पराओं का मूल्य समझाने के लिए राखी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें एम०एल०डी०वी० की छात्रा वन्दना तथा अनामिका को प्रथम व दिशा को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ, वहीं आर०के०एस० के० इण्टरनेशल स्कूल के अभिकुमार, व मन्नत शर्मा क्रमशः प्रथम व द्वितीय स्थान पर रहे मेंहदी प्रतियोगिता का महत्व बतलाते हुये राज्य अध्यापक पुरस्कार से पुरस्कृत स्वतंत्र कुमार गुप्त ने कहा कि भारत में मांगलिक अवसरों पर महिलाऐं एवं बालिकाएँ हाथों में मेंहदी लगाकर अपनी कलात्मक अभिरूचि की प्रस्तुति देती है. साथ ही मेंहदी में शीतलता का गुण होता है जो मस्तिष्क को शान्त रखने में सहायता प्रदान करता है। मेंहदी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान नंदनी, व द्वितीय स्थान पावनी को प्राप्त हुआ। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रसाशनिक प्रमुख हर्षित गुप्ता (एडवोकेट) उप प्रधानाचार्या साजिया रफीक खान, कार्डिनेटर रेखा जादौन, ललिता पाठक, प्रियंका वाष्र्णेय, सुमिति शर्मा, ज्योति शर्मा चारू गुप्ता, सुनीता राय, काजोल वाष्र्णेय, आदि का सहयोग रहा।