गौवंश को शीतलहर से बचाव हेतु पुख्ता इंतजाम एवं अलाव की व्यवस्था करने के निर्देश

हाथरस । जनपद के नोडल अधिकारी/सचिव विकास प्राधिकरण कानपुर आईएएस शत्रोहन वैश्य ने कलक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी अर्चना वर्मा की उपस्थिति में निराश्रित गौवंश के संरक्षण एवं भरण पोषण के संबंध में बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
बैठक के दौरान नोडल अधिकारी ने जनपद में संचालित स्थाई/अस्थाई गौशालाओं में संरक्षित निराश्रित/बेसहारा गौवंश के भरण पोषण, रख-रखाव, केयर टेकर की तैनाती/भुगतान विद्युत कनेक्शन एवं ठण्ड से बचाव हेतु की गई व्यवस्थाओं के संबंध में समीक्षा की। उन्होंने संरक्षित गौवंश को शीतलहर से बचाव हेतु पुख्ता इंतजाम एवं अलाव की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। काऊ कोट की व्यवस्था सभी पशुओं के लिए की जाए। गौशालाओं का समय समय पर निरीक्षण भी किया जाए। निरीक्षण सुधारात्मक हो, जो कमी मिले उसे सुधारा भी जाए। शासन की प्राथमिकता का ध्यान रखते हुए पशु संरक्षण के लिए जो भी निर्देश हैं, उनका पूरी तरह से पालन हो। केयर टेकर की ड्यूटी रोस्टर के अनुसार लगाने तथा उनका नियमित रूप से भुगतान करने के निर्देश दिए।
इस दौरान जिलाधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जनपद में संचालित गौशालाओं में सुरक्षा के दृष्टिगत सी0सी0टी0वी0 कैमरों की स्थापना की गई है। समय-समय पर अधिकारियों से गौशालाओं का औचक निरीक्षण कराया जाता है। उन्होंने बताया कि कब्जामुक्त कराई गई भूमि पर हरे चारे की बुवाई की व्यवस्था की जा रही है।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने अवगत कराया है कि वर्तमान में जनपद में कुल 38 गौशाऐं संचालित हैं। जिसमे कुल 12784 निराश्रित गौवंश संरक्षित हैं। जिसमें से 8328 मादा तथा 4456 नर गौवंश हैं। सहभागिता योजना के अंतर्गत 333 लाभार्थियों को 520 गौवंश सहभागिता में दिए जा चुके हैं। अभियान के तहत 31.12.2023 तक 3596 नये गौवशों का संरक्षण किया गया है। 140 नवीन लाभार्थियों के आवेदन पत्र कार्यालय में अनुमोदन के लिए प्रक्रियाधीन है।
बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका/नगर पंचायत, खंड विकास अधिकारी, सहायक खंड विकास अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी, अपर जिला पंचायतराज अधिकारी तथा अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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