श्रीराम जन्म भूमि प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर हाथरस खंड का हुआ हिन्दू समन्वय सम्मेलन

हाथरस। आयोध्या में राम जन्म भूमि प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर हाथरस खंड का हिन्दू समन्वय सम्मेलन कान्ही सिंह इंटर कॉलेज,कैमार में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मंचासीन कार्यक्रम अध्यक्ष बृजलाल ,जिला सह संघचालक डॉ यूएस गौड़ ,विभाग मुख्य मार्ग प्रमुख रबी जोशी ,खंड संघचालक रामवीर सिंह ने संयुक्त रूप से भारत माता के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर एवँ पुष्प अर्पित कर किया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुये मुख्य वक्ता जिला सह संघचालक डॉक्टर यू एस गौड़ ने कहा कि कई वर्षों की प्रतीक्षा के बाद भगवान श्री राम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। लंबे संघर्ष एवँ बलिदान के बाद यह शुभ समय आया है। 22 जनवरी 2024 को श्री रामजन्मभूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा है । इस दिवस हम सभी को घर में दीप महोत्सव एवं हर मंदिर में घी के दीप जलाकर हर्षउल्लास के साथ उत्सव मनायें।
उन्होंने कहा कि हिंदू समाज कभी हताश परास्त नहीं हुआ उसने निरंतर संघर्ष किया है। हमारे महापुरुषों की तपस्या निष्फल नहीं होगी । निश्चित रूप से भारत का उदय होने जा रहा है । भारत विश्व में जगतगुरु के स्थान पर विराजमान हो रहा है ।भारत की चारों ओर जय जयकार हो रही है । हम जो चाहेंगे वह कर दिखाएंगे जहां चाहेंगे वहां करेंगे सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया का ही एकमात्र ऐसा रास्ता है जो विश्व को कल्याण का मार्ग दिखा सकता है यह शक्ति केवल और केवल हिंदू समाज के पास है आज हिंदू उठ खड़ा हुआ है आज विश्व में जय जयकार हो रही है ।
खंड व नगर प्रचारक अनमोल ने अक्षत वितरण की विस्तृत जानकारी देते हुये महासंपर्क अभियान की योजना बनाई। उन्होंने सभी समाज को आह्वान करते हुए कहा कि 1 जनवरी से 15 जनवरी के हिंदू महासम्पर्क अक्षत वितरण, निमंत्रण अभियान मे विश्व हिंदू परिषद् ,सर्व हिंदू संत समाज के द्वारा पूरा करेगे, 22 जनवरी को हम सब फिर भव्य रूप से दीपावली मनायेंगे। उन्होंने सभी से पूर्णमनोयोग से जुट जाने को कहा।
दिनेश ,अशोक ,प्रेमशंकर ,सर्वेश,महेंद्र विक्रम ,नवीन ,देवेंद्र , संदीप शास्त्री ,गौरव प्रधान ,नीरेश , लक्ष्मीराज ,नरेश प्रधान ,मनोज प्रधान ,गुरुदत्त ,विनीत राणा प्रधान ,राहुल अमरनाथ ,वीरी सिंह ,सभ्य ,मधुर ,मनीष ,राज प्रधान, गौरव अंकुर सिसोदिया ,
अनिल सिसोदिया ,अभिषेक , अरविंद दिवाकर ,रजत चौधरी, रोकी ,चिराग , लवी ,भुवनेश आदि सहित काफी संख्या में लोग रहे।

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