जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अजय कुमार द्वारा जिला कारागार अलीगढ़ का किया निरीक्षण

हाथरस । उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के आदेश के अनुपालन में जनपद न्यायाधीश मृदुला कुमार के निर्देशानुसार अपर जनपद न्यायाधीश, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अजय कुमार द्वारा जिला कारागार, अलीगढ़ का निरीक्षण किया गया, निरीक्षण के समय सिविल जज (व.प्र.)/एफ.टी.सी. कुमुद उपाध्याय उपस्थित रही। इस अवसर पर वरिष्ठ अधीक्षक बृजेन्द्र सिंह यादव, जेलर प्रमोद कुमार सिंह, वरिष्ठ चिकित्सक डा. शाहरूख रिजवी, चिकित्सक अभिषेक गुप्ता, डिप्टी जेलर सुरेश कुमार, राजेश कुमार राय, प्रिय कुमार मिश्र, संदीप कुमार, निखिल कुमार श्रीवास्तव उपस्थित मिले। वरिष्ठ अधीक्षक से जिला कारागार में निरूद्ध बन्दियों के सम्बन्ध में जानकारी की गयी तो वरिष्ठ जेल अधीक्षक द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में जनपद हाथरस से सम्बन्धित कुल 1177 बन्दी निरूद्ध है, जिनमें 1126 पुरूष तथा महिलाएं 44 व किशोर (18 से 21 वर्ष से कम आयु के बन्दी) 07 व जनपद हाथरस की निरूद्ध महिलाओं के साथ 02 बच्चे हैं। सचिव द्वारा पुरूष बन्दी व महिला बन्दी से बातचीत की गई व उनकी समस्यों को सुना गया तथा उनकी समस्या के निस्तारण हेतु वरिष्ठ जेल अधीक्षक को आवश्यक निर्देश दिये गये। निरीक्षण के समय कारागार में निरूद्ध बंदियों से उनकी तारीख पेशी एवं भोजन के सम्बन्ध में जानकारी की गयी तथा बन्दियों से आज के भोजन के बारे में पूछा गया। इसके अतिरिक्त बीमार निरूद्ध बन्दियों से उनके स्वास्थ्य के बारे में एंव उनको दी जाने वाली दवाओं के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी ली गयी। निरीक्षण के समय बन्दियों से उनकी समस्या के बारे में पूछा गया जो उनके द्वारा कोई समस्या नहीं बतायी गयी।
इसके अतिरिक्त राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देंशानुसार जिला कारागार, अलीगढ़ में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस अजय कुमार की अध्यक्षता में किया गया, शिविर में उपस्थित पुरूष बन्दियों को जानकारी देते हुये बताया कि ऐसे मामलें जिनमें 07 साल से कम सजा है और बन्दी कुछ समय कारागार में व्यतीत कर चुके हैं वो जुर्म इकबाल का प्रार्थना पत्र देकर सुलह के माध्यम से केसांे का अन्तिम रूप से निस्तारण करा सकते हैं, क्यांेकि प्लीबारगेनिंग के अन्तर्गत छोटे मामले आते हैं। उन्होंने पुरूष बन्दियों को निःशुल्क विधिक सहायता के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि यदि किसी बन्दी के पास पैरवी हेतु अधिवक्ता उपलब्ध नहीं है, तो वह कारागार अधीक्षक के माध्यम से एक प्रार्थना पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को प्रेषित कर निःशुल्क सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रत्येक माह जेल लोक अदालत का आयोजन किया जाता है। जिसमें बन्दियों के लघु आपराधिक वादों का निस्तारण किया जाता है।
इसी क्रम में आज तृतीय दिवसीय विशेष जेल लोक अदालत में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के आदेशानुसार जनपद न्यायाधीश मृदुला कुमार के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस के तत्वाधान में जिला कारागार अलीगढ़ में निरूद्ध बन्दियों के मामलों के निस्तारण हेतु सिविल जज(व.प्र.)/एफ.टी.सी. कुमुद उपाध्याय को जेल लोक अदालत हेतु नामित किया गया। सिविल जज(व.प्र.)/एफ.टी.सी. द्वारा जिला कारागार, अलीगढ़ में उपस्थित होकर निरूद्ध विचाराधीन बन्दियों द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्रों के आधार पर मामलों का निस्तारण किया गया। जेल लोक अदालत हेतु कुल 12 विचाराधीन बन्दियों द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गये, जिनमें से चार वादों का निस्तारण जेल लोक अदालत के माध्यम से किया गया।
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