डा यू एस गौड़
वरिष्ठ होम्यो चिकित्सक
हाथरस। सामान्यतः लोग खांसी को केवल खांसी ही मानते हैं किंतु चिकित्सकों के दृष्टि कोण से खांसी से अनेक बीमारियों का पता किया जाता है,प्रत्येक रोगी को अलग अलग खांसी को दवा दी जाती है।इसलिए यह आवश्यक है की खांसी को हल्के में न लें और न ही स्वयं चिकित्सा करें।आइए कुछ प्रकार की खांसी के विषय में आपको जानकारी दे दें।
1)छोटी खांसी
इस प्रकार की खांसी के साथ नाक से पानी का बहना गले के संक्रमण को बताता है यह सामान्य खांसी है और उपचार से एक सप्ताह के अंदर ठीक हो जातो है।
२)थोड़ी बड़ी खांसी
यह खांसी आधी से एक मिनट तक चलती है और बलगम निकलते ही बंद हो जाती है ऐसी खांसी का संबंध फेफड़े से होता है और खांसी का उद्देश्य अंदर जमे बलगम को बहार निकलना होता है इस प्रकार की खांसी में बुखार और छाती में दर्द भी हो सकता है यह उपचार से पांच से १० दिन में ठीक हो जाती है।
३)लंबी खांसी
एक मिनट से ज्यादा देर तक चलने वाली लंबी खांसी कहलाती है इस प्रकार की खांसी में लंबे समय तक खांसने पर भी बलगम नही निकलता है और रोगी परेशान हो जाता है इस प्रकार की खांसी में संक्रमण गले और फेंफेड दोनो में होता है इस प्रकार की खांसी उपचार लेने पर एक से दो सप्ताह में ठीक हो जाती है।
४)खांसी के साथ सांस फूलना
इस प्रकार की खांसी ज्यादातर बच्चों और बुडे लोगों में पाई जाती है इसमें फेंफड़ों में संक्रमण होकर बलगम अंदर सुख जाता है और सांस लेने के लिए स्थान नही रहता ऐसी खांसी के लिए एक्स रे की मदद ली जाती है और रोग को पहचान कर उसकी दवा दी जाती है यह खांसी ठीक होने में ज्यादा समय लेती है।
५)रात्रि में खांसी के साथ सांस फूलना
इस प्रकार की खांसी का संबंध फेफड़ों के साथ साथ ह्रदय से भी होता है इसको अधिक गंभीरता से लेना चाहिए इसके साथ यदि पैरों पर सूजन भी है तो और भी ज्यादा ध्यान देना चाहिए क्योंकि इस प्रकार की खांसी में ह्रदय भी शामिल हो जाता है।
ध्यान रखे
सभी खांसी की दवा एक जैसी नहीं होती।
बिना चिकित्सक की सलाह के दवा न लें।
खांसी को हल्के में न लें।
एलर्जी वाली चीजों से बचें।
दो सप्ताह से ज्यादा खांसी होने पर एक्स रे कराना चाहिए।
खांसी के समय खान पान में भी बदलाव करें।
होमियोपैथी में भी खांसी के लिए बहुत अच्छी और प्रभावी दवाएं है किंतु दवा का चयन रोगी के लक्षणों के अनुसार किया जाता है।खांसी में प्रयोग होने वाली होमियो पेथिक दवाएं नशीली नही होती है इसलिए बच्चों,के लिए भी अच्छी हैं।