हाथरस नगर पालिका के ईओ ने लिखा ऐसा पत्र कि सभासदों को आ गया भारी गुस्सा

हाथरस। नगर पालिका अध्यक्ष को नही है बोर्ड की बैठक बुलाने का अधिकार। जी हां यह हम नही कह रहे है यह वह पत्र कह रहा है जिसे नगर पालिका परिषद हाथरस के अधिशासी अधिकारी द्वारा जलनिगम के अधिशासी अभियंता को भेज गया है। इस पत्र में अधिशासी अधिकारी ने जल निगम के अधिशासी अभियंता से बोर्ड बैठक बुलाने के लिये समय मांगा है। इस पत्र को लेकर सभासदों में भी काफी चर्चा हो रही है। वहीं जानकारों की माने तो बोर्ड की बैठक बुलाने का अधिकार पालिकाध्यक्ष को दिया गया है। वह अधिशासी अधिकारी को बोर्ड बैठक बुलाने के लिये निर्देशित कर सकते है।

शहर की दुर्दशा के लिये जिम्मेदार संस्था से ही मांग रहे समय

नगर पालिका के सभासदों द्वारा जिस संस्था के खिलाफ कार्यवाही करने के लिये बोर्ड बैठक बुलाने को सभासदों ने पालिकाध्यक्ष एवँ अधिशासी अधिकारी को पत्र सौपा था अधिशासी अधिकारी द्वारा उसी संस्था के अधिकारी से बोर्ड बैठक बुलाने के लिये समय मांगा लिया। नगर पालिका के सभासदों ने जल निगम के कार्यो को लेकर गंभीर आरोप लगाते हुये उससे अम्रत योजनांतर्गत डाली जा रही पेयजल पाइप लाइन का कार्य हटाने हेतु बोर्ड बैठक बुलाने की मांग की थी। लेकिन अधिशासी अधिकारी ने आरोपी संस्था जलनिगम से ही बोर्ड बैठक बुलाने का समय मांगा है।

ईओ के पत्र पर सभासदो के कड़े कमेंट्स

अधिशासी अधिकारी द्वारा जलनिगम के अधिशासी अभियंता को भेजे गये पत्र को लेकर सभासदों ने तीखे कमेट्स कर रोश व्यक्त किया है। वट्सअप के एक ग्रुप में एक सभासद द्वारा पत्र की प्रति डालने के बाद अन्य सभासदों ने भी कड़े कमेंट्स किये है। इन कमेट्स के जरिये ईओ की योग्यता पर भी प्रश्न उठाया है।

बोर्ड बैठक में प्रतिभाग हेतु भेजनी थी सूचना

अधिशासी अधिकारी को बोर्ड बैठक का समय तय करने के बाद जल निगम के अधिकारी को बैठक में प्रतिभाग करने को सूचना भेजनी थी। जिससे बोर्ड बैठक में चर्चा के दौरान जलनिगम के अधिकारी अपने ऊपर लगाये आरोपों पर सफाई दे सके।

बोर्ड के सम्मान के खिलाफ पत्र

ईओ के पत्र को लेकर सभासदो में काफी गुस्सा है। नगर पालिका के सभासदों ने पत्र को बोर्ड के सम्मान के खिलाफ माना है। सभासद अंजली शर्मा ने कहा कि कानूनी जानकारी की जा रही है। बोर्ड पालिका अधिनियम के अधीन कार्य करता है । किसी को भी अधिनियम के खिलाफ कार्य करने की अनुमति नही है। सभासद दल के अध्यक्ष प्रदीप शर्मा ने कहा कि ईओ ने पत्र के जरिए बोर्ड को दरकिनार करने का काम किया है। इस पूरे प्रकरण की शिकायत माननीय मुख्यमंत्री एवँ नगर विकास मंत्री से करेंगें। बोर्ड के सम्मान में जो भी सम्भव होगा हम संघर्ष करेंगे।

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