पृथ्वीराज चौहान को शब्दभेदी बाण चलाने में थी महारत हासिल : योगेन्द्र सिंह गहलौत ,जयन्ती पर किया याद

हाथरस। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष योगेन्द्र सिंह गहलौत ने देश में चल रहे कोरोना प्रकोप की कोविड-19 की दूसरी लहर के चलते हिंदू ह्रदय सम्राट पृथ्वीराज चौहान जी की 855 वीं जयंती अपने परिवार के साथ घर पर ही धूमधाम से मनाई सर्वप्रथम दीप प्रज्वलित करते हुए पृथ्वीराज चौहान जी के छवि चित्र पर माल्यार्पण कर कोरोना वायरस से मुक्ति के लिए समाज की तरफ से प्रार्थना की और उनके जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुए क्षत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष योगेन्द्र सिंह गहलौत ने बताया वे अंतिम हिंदू राजा थे उन्होंने 13 वर्ष की अवस्था में शासन की बागडोर को अपने हाथों में लिया और अजमेर से लेकर दिल्ली तक अपना साम्राज्य स्थापित किया बचपन से ही वे एक कुशल योद्धा थे उन्हें शब्दभेदी बाण में महारत हासिल थी उन्होंने सत्तरह बार मोहम्मद गौरी को युद्ध में परास्त कर उसे क्षमा करते हुए जीवन दान दिया लेकिन अट्ठारहवीं बार जयचंद द्वारा मोहम्मद गौरी का साथ दिए जाने से उन्हें युद्ध क्षेत्र में परास्त होना पड़ा इसी कारण गौरी उन्हें बंदी बनाकर अपने साथ ले गया मोहम्मद गौरी ने सजा के तौर पर सलाखों से पृथ्वीराज चौहान की दोनों आंखे फुड़वा दीं चन्द्रवरदाई पृथ्वीराज के बचपन के मित्र और राजकवि भी थे चन्द्रवरदाई ने पृथ्वीराज के शब्दभेदी वाण के चलाने की प्रशंसा करते हुए मोहम्मद गौरी से उनके कला प्रदर्शन की इच्छा जाहिर की तो गौरी ने उनकी कला को देखने के लिए एक आयोजन की आज्ञा दे डाली उसी आयोजन में चन्द्रवरदाई द्वारा “चार बांस चौबीस गज अंगुल अष्ट प्रमाण
ता ऊपर सुल्तान है मत चूको चौहान” ये पंक्तियां सुनाई गई तो जैसे ही गौरी के शाबास शब्द बोलने पर पृथ्वीराज द्वारा शब्दभेदी बाण चलाकर उसे मार डाला गया इस आयोजन में पत्नि मीनाक्षी गहलौत,बेटा गगनदीप गहलौत,बेटी नम्रता गहलौत, हर्षिता गहलौत साथ थे।

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