यथार्थ ज्ञान होने पर ही भक्ति सिद्ध होती है

हाथरस। मासिक सतसंग में संतो ने तरह तरह से साधकों को ज्ञान तथा उसके द्वारा प्राप्त लक्षणों का वर्णन किया। डॉ यू एस गौड़ के क्लीनिक पर प्रत्येक माह की २१ तारीख को सतसंग होता है जिसमें संत जन शात्रों के प्रमाणों से साधकों को समझाते है इसी श्रंखला में ज्ञान के द्वारा ईश्वर की कृपा के अधिकारी बनने के लिए गुरु के द्वारा शास्त्र श्रवण मनन तथा निद द्यासं को समझाते हुए श्री भूदेव सिंह जी ने कहा कि ज्ञान होने पर शरीर में नहीं चित्त में कोमलता आती है,इस अवसर पर डॉ यू एस गौड़ ने कहा कि ज्ञान होने पर ही प्रभु की निकटता का अनुभव होता है।उल्फत सिंह जी ने कहा कि संसार के दृश्य वहीं रहते है लेकिन ज्ञान होने पर हम ठीक प्रकार से उसे जन पाते है जैसे जादू का खेल सत्य प्रतीत होता है किन्तु ज्ञानी जन उसको झूठा है जानते है।
इस अवसर पर हेमराज जी,शिवराम,शंकर लाल,बृजेन्द्र सिंह,देवी राम जी,सरदार सिंह,रत्न सिंह,गोकुल सिंह,वीरेंद्र सिंह आदि ने अपने अपने विचार प्रकट किए संचालन श्री रेशम सिंह ने किया।

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