हाथरस । प्रसिद्ध किला दाऊजी मंदिर परिसर में आयोजित संस्कार भारती के कवि सम्मेलन ने सांस्कृतिक और साहित्यिक उत्साह का अनूठा वातावरण बनाया इस कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध कवि पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा को उनके जन्मदिन पर विशेष शुभकामनाएं दी गईं, जिसमें उपस्थित श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका अभिनंदन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ श्री दाऊजी महाराज के अभिषेक के साथ हुआ, जिसके बाद कवयित्री मीरा दीक्षित ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। मनोज शर्मा ने दाऊ रेवती बंदना से भक्ति भाव जगाया, जबकि रूपम कुशवाह ने संस्कार भारती के ध्येय गीत से समां बांध दिया। संस्कार भारती की नवगठित जनपदीय कार्यकारिणी को शपथ दिलाने का कार्य प्रांतीय उपाध्यक्ष नन्द नन्दन गर्ग की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। इस मौके पर प्रांतीय संरक्षक आशु कवि अनिल बौहरे और उपाध्यक्ष कुंवरपाल भंवर की उपस्थिति में डॉ खेम चंद यदुवंशी, जिलाध्यक्ष चेतन उपाध्याय, जिला महामंत्री एआर शर्मा, कोषाध्यक्ष श्याम बाबू चिन्तन, अजय गौड़, प्रभु दयाल दीक्षित प्रभु, अतुल आंधीवाल, डॉ सुनीता उपाध्याय, सोनाली वार्ष्णेय, मधु शर्मा, कुलदीप निबौरिया, पंडित हाथरसी, हेमेंद्र शर्मा, सुखप्रीत सिंह सुखी, रूपम कुशवाहा, दीप्ति वार्ष्णेय, जीवन लाल शर्मा, मुकेश शर्मा, नवीन गुप्ता, पूरन सागर, सुनील दीक्षित, अनूप वार्ष्णेय आदि पदाधिकारियों ने भाग लिया। उपजिलाधिकारी राज बहादुर राज की शुभकामनाओं एवं पंडित प्रमोद चतुर्वेदी के सम्मान के बाद जिला कार्यवाह रामकिशन, विकास, अनिल राज गुप्ता, आलोक शर्मा, मेला निर्देशक डॉ विकास शर्मा, डॉ जितेन्द्र स्वरूप शर्मा फौजी, अशोक हंगामा, रसराज, विद्यासागर विकल, गोपाल चतुर्वेदी, जय प्रकाश तिवारी, मंजू शर्मा और देवी सिंह निडर को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में आध्यात्मिक प्रवचन के लिए डॉ गणेश चन्द्र बशिष्ठ, बाल शिक्षा पर डॉ ओमप्रकाश सारस्वत, सामाजिक कार्यकर्ता मास्टर मदन मोहन वार्ष्णेय, मंच प्रबंधन में चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य, कवयित्री मीरा दीक्षित और बौद्ध धम्म प्रवक्ता विजय सिंह प्रेमी को कला गुरु सम्मान से नवाजा गया। इसके अलावा, कवि सम्मेलन के श्रेष्ठ श्रोता सम्मान से श्री मदन मोहन गौड को सम्मानित किया गया। इस मौके पर कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। आशु कवि अनिल बौहरे ने हास्य-व्यंग्य से सभी को ठहाके लगवाए, जबकि मनोज शर्मा ने “मेरे बिगड़े बन गये है काम, लिया जो दाऊ रेवती नाम” जैसी मधुर पंक्तियाँ सुनाईं। मीरा दीक्षित ने “लव थिरकने लगे शायरी हो गई, मैं तेरा हो गया तू मेरी हो गई” जैसी रोमांटिक कविता से दर्शकों को भावविभोर कर दिया। पंडित हाथरसी ने “घर बाली कहने लगी सावन गयौ है आय, बार बार अब फोन पै भैय्या रहौ बुलाय” जैसी लोकप्रिय पंक्तियों से हास्य पैदा किया सुखप्रीत सिंह सुखी ने “खोज कर वह खुशियों की चावी ले आया” जैसी प्रेरणादायक रचना सुनाई। कुंवर पाल भंवर ने “वीर जहां गावें गीता, हल तले खेले सीता” जैसी राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत कविता प्रस्तुत की, जबकि सोनाली बार्ष्णेय ने सोशल मीडिया पर व्यंग्य करते हुए कहा – “खेलकर व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम की होशियारी, चैट गप्प और एआई ने युवाओं की बुद्धि है मारी। रूपम कुशवाह ने “शहर के शोर में तन्हाइयाँ हैं” जैसी गहन अभिव्यक्ति से सभी को विचारमग्न कर दिया, जबकि जिलाध्यक्ष चेतन उपाध्याय ने “देश काम, देश धाम, देश देश आठों धाम” जैसी देशभक्ति से ओतप्रोत पंक्तियों से उत्साह जगाया। कार्यक्रम का संचालन आशु कवि अनिल बौहरे ने किया, जबकि रेवती मैया समिति के सदस्यों ने इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई कार्यक्रम के अंत में रेवती मेला निर्देशक डॉ विकास शर्मा ने सभी आगंतुकों, कवियों और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।