जाँच के दौरान ही राशन माफियाओं ने शिकायतकर्ताओं से की खींचतान, अधिकारी जाँच छोड़कर भागे

विवेकशील राघव ने बताया इसे खाद्यान्न विभाग की साजिश

सिकन्दराराव। राशन माफियाओं की शिकायतों की कई बार जांच हो जाने के बाद भी प्रशासन कार्यवाही करने से बचता हुआ दिख रहा है। राशन माफियाओं को बचाने के लिए अधिकारियों द्वारा तरह-तरह की रणनीति बनाई जाती है। आज चित्तरपुर में जाँच के दौरान ए. आर. ओ. लालजी पाल के इशारे पर आरोपी डीलर के नेतृत्व में शिकायतकर्ताओं से मारपीट का प्रयास किया गया। हंगामा होने की स्थिति में अधिकारी मौके से भाग आये। इसकी आशंका कर्मयोग सेवा संघ को पहले से ही थी इसीलिए संगठन ने जाँच के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल की मांग प्रशासन से की थी। उक्त बातें कर्मयोग सेवा संघ के अध्यक्ष विवेकशील राघव ने जांच से लौटकर की गई प्रेस वार्ता के दौरान कहीं।
राघव ने बताया कि प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी भ्रष्ट राशन माफियाओं पर कार्यवाही नहीं कर रहा। इससे उनके हौसले बढ़े हुए हैं। मृतकों के नाम पर राशन घोटाला करने वाले, घटतौली करने वाले तथा मनमानी करने वाले राशन माफियाओं को जिला खाद्यान्न विभाग के अधिकारियों का पूरा संरक्षण प्राप्त है।
आज ग्राम चित्तरपुर जांच करने पहुँचे अधिकारियों में ए. आर. ओ. लालजी पाल की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध रही। यदि प्रशासन वास्तव में ही निष्पक्ष जांच करना चाहता तो केवल शिकायतकर्ताओं से मिलता। आरोपियों को भीड़ जमा करने का मौका नहीं दिया जाता।
और अब भी देखना यह है कि अधिकारियों के सामने हुए बबाल पर अधिकारियों द्वारा राशन माफियाओं पर सरकारी कार्य में बाधा डालने तथा शिकायतकर्ताओं के दमन पर आपराधिक रिपोर्ट दर्ज कराई जाती है या नहीं।
जाँच के नाम पर चल रहे खेल को संगठन बहुत समय तक बर्दाश्त नहीं करेगा। इस सब की शिकायत मुख्यमंत्री स्तर पर शीघ्र ही समय लेकर की जाएगी। भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्यवाही होने तक संगठन चैन से नहीं बैठेगा। माफियाओं और उनके संरक्षकों को समझ लेना चाहिए कि सच्चाई को बहुत समय तक दबाया नहीं जा सकता।
जाँच के दौरान कर्मयोग सेवा संघ की विभिन्न क्षेत्रीय समितियों के पदाधिकारियों की उपस्थिति और शिकायतकर्ताओं को किया गया नैतिक सहयोग सराहनीय रहा।

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