हाथरस । सासनी के गांव सिंघर्र में भव्य कलश शोभायात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह एवं ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ किया गया। जिसमें करीब सौ से अधिक महिलाओं और युवतियों ने अपने सिर पर कलश रखकर गांव में शोभायात्रा निकाली।
सोमवार को गांव के विभिन्न मुहल्लों और मार्गों से होते हुए श्री कलश शोभायात्रा गांव सिंघर्र सहजपुरा रोड स्थित श्री हनुमान जी मंदिर कथा प्रांगण में पहुंची जहां कलश शोभायात्रा का समापन किया गया। वहीं कलश शोभायात्रा से पूर्व आचार्यों द्वारा विधि विधान से पूजा अर्चना कर हवन यज्ञ किया। जिसमें ग्रामीणों ने आहूतियां देकर विश्व कल्याण की कामना की। तत्पश्चात श्री श्री मलूकापीठाधीश्वर स्वामी श्री राजेन्द्र दास देवाचार्य के कृपापात्र महंत कथा व्यास श्री प्रहलाद दास जी महाराज ने गौकर्ण और धुंधकारी की कथा का रोचक वर्णन करते हुए कहा कि धुंधकारी एक आतंकी स्वभाव और गौकर्ण एक साधु स्वभाव का था। धुंधकारी की मौत के बाद उसे जब उसे मुक्ति नहीं मिली तो वह भटकने लगा। तब गौकर्ण को स्वप्न में अपनी मुक्ति की बात की ।तब गौकर्ण ने श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया। आव्हान के बाद धुंधकारी की आत्मा को कथा परिसर में बैठने में भारी परेशानी होने लगी। तब आचार्यों ने एक बांस मंगाया जहां धुंधकारी ने बैठकर श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण किया और वह मोक्ष को प्राप्त हुआ। कथा व्यास ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा एक ऐसी कथा है जिसे मनुष्य यदि मन लगाकर एकाग्रचित्त होकर श्रवण करता है तो उसे निश्चय ही मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दौरान गुरूजी सियाराम दास जी महाराज, परमानंद कठिया बाबा, रूदायन भट्टा श्री हनुमान जी मंदिर वाले राजू बाबा, एवं राजा परीक्षित की भूमिका में हरीसिंह मामा एवं उनकी पत्नी तथा तमाम ग्रामवासी मौजूद थे।