ज़िला उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल द्वारा फ़ूड विभाग नियमों में सुधार हेतु सौपा ज्ञापन
हाथरस। ज़िला उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल,उत्तर प्रदेश (लोकेश अग्रवाल ) द्वारा फ़ूड एक्ट में व्याप्त विसंगति के खिलाफ प्रदेश व्यापी अभियान के अंतर्गत आज प्रदेश अध्य्क्ष पश्चिमी उत्तर प्रदेश उद्योग मंच श्री नन्नू मल गुप्ता,ज़िला चैयरमेन कपिल अग्रवाल व ज़िला महामंत्री उद्योग मंच अनूप अग्रवाल जी के सयुंक्त नेतृत्व में जिलाधिकारी महोदय को ज्ञापन दिया गया,व राज्य सरकार के प्रतिनिधि विधायक श्री वीरेंद्र राणा जी को भी सौपा गया. जिस में प्रदेश व केंद्र सरकार से निम्न मांग की गयी,,
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के अन्तर्गत की जा रही कार्यवाही से व्यापारियों को आ रही कठिनाईयों के निराकरण के लिये निम्नानुसार अनुरोध हैः-
खेती में कीटनाशक व रासायनिक खाद डालने का मानक तय नहीं है। अंधाधुंध कीटनाशक व रासायनिक खादों का प्रयोग खेती में किया जा रहा है। परन्तु खाद्यय सुरक्षा मानक अधिनियम के मानकों मंे बदलाव नहीं किया गया है। अतः आपसे अनुरोध है कि वर्तमान परिस्थिति के अनुसार खाद्यय पदार्थों के मानक तय किये जायें तथा कृषि विभाग को खेती में प्रयोग होने वाले कीटनाशक व रासायनिक खाद के मानक तय करने के लिए लिखा जाए। जब तक नए सिरे से मानक तय नहीं किये जाते हैं। व्यापारियों के सैम्पिल न भरे जाएं।
सभी प्रकार खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में रजिस्टेªशन के लिए 12 लाख तक के टर्न ओवर की सीमा तय की गई है, परन्तु 12 लाख रूपये की सीमा मंहगाई के हिसाब से बहुत कम है। अतः आपसे अनुरोध है कि 12 लाख टर्न ओवर के स्थान पर 40 लाख वार्षिक टर्न ओवर तक का काम करने वाले व्यापारियों की रजिस्टेªशन की सीमा में रखा जायें।
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में फूड एक्ट का लाइसेंस न पाए जाने पर सजा का प्राविधान खत्म किया जाये। जुर्माना अधिकतम रजिस्टेªशन व लाइसेंस फीस का दोगुना किया जाये।
प्रशासनिक अधिकारी अपर जिला मजिस्ट्रेट आदि को न्याय निर्णयक अधिकारी राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित किये गये हैं। प्रशासनिक अधिकारी प्रशासनिक कार्यों में व्यस्त रहते हैं, जिससे न्याय निर्णय में समय लगता है। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम (फूड एक्ट) के लिये पूर्णकालिक न्याय निर्णायक अधिकारी की नियुक्ति की जानी आवश्यक है, जिससे व्यापारी को शीघ्र न्याय मिल सके।
खाद्य पदार्थों की पैकिंग की आईटम में रिटेल का व्यापारी कोई मिलावट या कमी नहीं कर सकता है एवं का खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में दिये गये पैकिंग एण्ड लेवलिंग एक्ट के कानूनों को पूरा करने में रिटेल व थोक के व्यापारी का कोई योगदान नहीं है। पैकिंग कम्पनियों द्वारा तैयार कर भेजी जाती है, जिसमें रिटेल का व्यापारी कोई मिलावट या पैकिंग में कोई संशोधन नहीं कर सकता है। न्याय निर्धारण अधिकारी द्वारा कम्पनियों के साथ-साथ रिटेल व थोक के व्यापारियों को भी दण्डित किया जा रहा है। अतः आपसे अनुरोध है कि पैकिंग के सामान में किसी भी प्रकार की कमी पाई जाने पर सिर्फ पैकिंग करने वाले फर्म या कम्पनी को ही दोषी माना जाए, होलसेलर व रिटेलर को दण्डित न किया जाये।
वर्तमान समय में भारी मात्रा में खाद्य पदार्थों का व्यापार ऑनलाइन फूड चेन सप्लाई व मल्टी नेशनल कम्पनियों के द्वारा किया जा रहा है, परन्तु ऑनलाइन फूड सप्लाई के डिलीवरी करने वाले व्यक्तियों के पास फूड लाइसेंस नहीं है। अतः आपसे अनुरोध है कि सभी ऑनलाइन व फूड चेन सप्लाई डिलीवरी करने वाले व्यक्यिों के खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के नियमों के अनुसार रजिस्टैªशन व लाइसेंस बनवाये जाने के आदेश पारित करने की कृपा करें।
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा मल्टी नेशनल कम्पनी व फूड सप्लाई चेन के डिलीवरी होने वाले सामानों की सैम्पलिंग नहीं की जा रही है। अतः आपसे अनुरोध है कि ऑनलाइन फूड सप्लाई चेन की सैम्पलिंग भी नियमानुसार की जाये, जिससे आम जनता को सही सामान मिलना सुनिश्चित हो सके।
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में निर्माताओं से ऑनलाइन सालाना व छमाही रिटर्न मॉगी जा रही है। निर्धारित समय पर डी वन जमा न करने पर रू0 100 प्रतिदिन लेट फीस लगाई जा रही है, जिन व्यापारियों की पूर्व में रिटर्न जमा नहीं है, उन पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है। रिटर्न जमा करने पर पिछला मांगा जा रहा जुर्माना समाप्त करने के आदेश पारित करने की कृपा करे एवं कुटीर घरेलू व मझौले उद्योग इसकी पूर्ति न कर पाने के कारण नष्ट हो जाएंगे। अतः आपसे अनुरोध है कि 5 करोड़ तक टर्न ओवर वाले निर्माताओं से ऑनलाइन सालाना व छमाही रिटर्न की व्यवस्था समाप्त करने की कृपा करें। जानकारी के अभाव में बहुत सारे व्यापारी समय से एनुवल रिटर्न (डी-वन फार्म) नहीं जमा कर पाए हैं। ऐसे व्यापारियों से भारी जुर्माना वसूला जा रहा है। आपसे अनुरोध है कि समाधान योजना चलाकर पिछला जुर्माना माफ किया जाये
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के सभी मामलों को अदालतों में भेजा जा रहा है। एक्ट में दी गई धारा-69 के अनुसार अधिकांश मामलों को शमन शुल्क जमा कराकर समाप्त किया जा सकता है। अधिकांश सभी विभागों में भी अनावश्यक मुकदमें आदि से बचने के लिए शमन शुल्क जमा कर मुकदमा समाप्त करने की व्यवस्था की गई है। शमन शुल्क व्यवस्था लागू करने से सरकार पर भी अनावश्यक मुकदमों के बोझ का भार कम होगा। अतः अभिहीत अधिकारी कार्यालय में शमन शुल्क जमा कराने की व्यवस्था लागू की जाए।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा सैम्पिल लेते समय रिटेल के व्यापारियों को लिये गये सामान का भुगतान नहीं किया जा रहा है व फार्म 5ए भरकर मौके पर नहीं दिया जाता है, जिससे व्यापारी का उत्पीड़न हो रहा है। अतः आपसे अनुरोध है कि खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किये जाऐं कि सैम्पिल भरे जाते समय फार्म-5 पूरी तरह से भरकर व्यापारी को मौके पर उपलब्ध कराऐं तथा सैम्पिल के लिए प्राप्त किये गये सामान का भुगतान व्यापारी को करना सुनिश्चित करें।
सैम्पलिंग के समय व्यापार मण्डल के पदाधिकारियों को मौके पर बुलाया जाए, जिससे सही प्रकार सैम्पलिंग की कार्यवाही पूर्ण हो सके तथा व्यापारी का उत्पीड़न न हो सके.
सरकार द्वारा प्रत्येक खाद्य सुरक्षा अधिकारी का सैम्पिल का टारगेट निर्धारित किया गया है, जिस वजह से व्यापारी का उत्पीड़न हो रहा है। सैम्पलिंग की व्यवस्था मिलावट रोकने के लिए की जाए न्यूनतम अधिकतम सैम्पिल का टारगेट व्यवस्था समाप्त की जाए।
औद्योगिक इकाइयों में केन्द्रीय लाइसेंस होने पर केन्द्रीय खाद्य सुरक्षा अधिकारी व प्रान्तीय खाद्य सुरक्षा अधिकारी दोनों विभागों द्वारा अलग-अलग जॉच, सर्वे सैम्पलिंग के अधिकार दिए गए हैं, जिससे भ्रष्टाचार व व्यापारी उत्पीड़न को बढ़ावा मिल रहा है। एक देश एक कानून एक अधिकारी एक दफ्तर की व्यवस्था को लागू किया जाए। ज्ञापन देने वालो में ज़िला चैयरमेन कपिल अग्रवाल, ज़िला महामंत्री नितिन वार्ष्णेय, ज़िला महामंत्री उद्योग मंच अनूप अग्रवाल, नगर अध्य्क्ष मनोज बुटिया, नगर महामंत्री मनोज वर्मा, ज़िला युवा महामंत्री गोरंग अग्रवाल, वैभव मोहता, मनोज कुमार नवल नगर आदि उपस्थित रहे।