हाथरस। जनपद की महिलाओं के न्याय के लिए प्रसिद्ध सामाजिक संस्था आदर्श महिला एव बाल कल्याण के महिला पदाधिकारियों ने संस्था के जिला कार्यालय बरी वाला मौहल्ला कूपा गली पर हाथरस जिले की 28 वीं हैप्पी बर्थडे संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष रेखा राणा के नेतृत्व में मनाई। इस अवसर पर आदर्श महिला एव बाल कल्याण संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष रेखा राणा व महिला पदाधिकारियों ने जनपद जनक के नाम से विख्यात स्व रामवीर उपाध्याय जी को पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। वही जनपद के जन्मदिन के अवसर पर केक काटकर व लड्डू वितरण कर मनाया। इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष रेखा राणा ने बताया कि आज ही के दिन 3 मई 1997 को हाथरस जिले की स्थापना हुई थी। अलीगढ़ की हाथरस, सिकंदराराऊ व इगलास और मथुरा की सादाबाद तहसील को अलीगढ़ और मथुरा जनपदों से अलग कर नया जिला बनाया गया था। चार बार जिले का नाम बदला गया। 28 साल पहले तीन मई 1997 को हाथरस जिले के रूप में सृजन हुआ, बाद में इसका दर्जा खत्म कर दिया गया, जिसे बनाए रखने के लिए यहां के लोगों ने संघर्ष किया, उनके प्रयास रंग लाए और जिले का दर्ज बहाल हुआ। इस दौरान इसका नाम बदलने पर भी खूब सियासत हुई। चार बार जिले का नाम बदला गया।जिला बनने के साथ ही यहां जिला स्तरीय कार्यालय खुलने लगे। कलेक्ट्रेट के नए भवन, पुलिस लाइन, जिला कारागार, जिला न्यायालय के नए भवन के लिए भूमि की तलाश होने लगी, लेकिन इसी दौरान वर्ष 2004 में तत्कालीन सपा सरकार ने जिले को खत्म कर दिया। स्थिति यह हो गई कि जनपद न्यायालय तो इस जिले में ही संचालित रहा, लेकिन पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्थाएं फिर अलीगढ़ और मथुरा से संचालित होने लगी।हाथरस को जिले बनाए रखने के लिए मुख्य रूप से अधिवक्ताओं, शहर के समाजसेवियों, व्यापारिक संगठनों ने जनपद बचाओ आंदोलन की शुरूआत की। लगभग तीन साल बाद वर्ष 2007 में हाईकोर्ट के आदेश पर जिला फिर बहाल हो गया। हाथरस जिले के नाम पर भी खूब सियासत हुई। बसपा सरकार ने जब हाथरस को जिला घोषित किया तो इसका नाम महामाया नगर रखा। इसके बाद फिर कल्याण सिंह की सरकार बनी तो जिले का नाम हाथरस कर दिया गया। फिर बसपा की सरकार बनने पर जिले का नाम महामायानगर कर दिया गया। सपा की सरकार बनी तो जिले का नाम फिर हाथरस कर दिया गया।