पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए एकात्म मानववाद की दी विचारधारा :शरद माहेश्वरी

जिले के 15 मंडलों के प्रत्येक बूथों पर मनाई गई पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि
हाथरस। भारतीय जनता पार्टी जिला कार्यालय पर जिलाध्यक्ष शरद माहेश्वरी द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चिन्तक और संगठनकर्ता एवं भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष पंडित दीनदयाल उपाध्याय के छवि चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पार्चन कर समर्पण दिवस के रूप में पुण्यतिथि मनाई गई , और इसके साथ साथ जनपद हाथरस के 15 मंडलों के प्रत्येक बूथों पर पुण्यतिथि को मनाया गया, इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष शरद माहेश्वरी ने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय वर्ष 1967 में कालीकट अधिवेशन में भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुए, दीनदयाल उपाध्याय जनसंघ के राष्ट्रजीवन दर्शन के निर्माता माने जाते हैं, उनका उद्देश्य स्वतंत्रता की पुन: रचना के प्रयासों के लिए विशुद्ध भारतीय तत्व-दृष्टि प्रदान करना था। उन्होंने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए एकात्म मानववाद की विचारधारा दी, उन्हें जनसंघ की आर्थिक नीति का रचनाकार माना जाता है, उनका विचार था कि आर्थिक विकास का मुख्य उद्देश्य सामान्य मानव का सुख है, पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वदेशी के भी बहुत बड़े समर्थक थे, उनका कहना था कि भारत के लिए एक स्वदेशी आर्थिक मॉडल विकसित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसमें व्यक्ति केंद्र में हो, उन्होंने देश की आर्थिक व्यवस्था के लिए ‘भारतीय अर्थ नीति का अवमूल्यन’ और ‘भारतीय अर्थ नीति: विकास की एक दिशा’ नाम की पुस्तक भी लिखी थी। इसके अलावा उन्होंने मासिक राष्ट्रीय धर्म, पांचजन्य और दैनिक स्वदेश भी शुरू किया | इस अवसर पर जिला महामंत्री रुपेश उपाध्याय, जिला मंत्री हरीश सेंगर, विष्णु बघेल, भूपेंद्र कौशिक, रजत अग्रवाल, वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता, सचिन वर्मा, सुरेश चौधरी, राहुल कुमार, मनोज सोनी, दिलीप मित्तल, कृष्ण शर्मा, आदि भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे |

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