हाथरस। उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के आदेशानुसार जनपद न्यायाधीश, अध्यक्ष, सतेन्द्र कुमार के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस के तत्वाधान में दिनांक 08 मार्च, 2025 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक वादों के निस्तारण हेतु अपर जनपद न्यायाधीश, नोडल अधिकारी महेन्द्र श्रीवास्तव की अध्यक्षता में व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हाथरस के अपर जनपद न्यायाधीश, सचिव, प्रशान्त कुमार की उपस्थिति में न्यायिक अधिकारीगण के साथ बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) चित्रा शर्मा व अपर जनपद न्यायाधीश, त्वरित न्यायालय, कोर्ट संख्या-2, सिविल जज (व.प्र.) जयहिन्द कुमार सिंह, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, हाथरस, मुन्नालाल, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सादाबाद, आशीष थिरानियाॅ, अपर सिविल जज (व.प्र.) दीपक नाथ सरस्वती, सिविल जज(व.प्र.), एफ.टी.सी., हाथरस, अनु चैधरी, न्यायिक मजिस्ट्रेट, पूनम कुमारी चैहान, अपर सिविल जज (क.प्र.), अनिष्का चैधरी, अपर सिविल जज (क.प्र.) हर्षिका रस्तोगी, सिविल जज (क.प्र.),एफ.टी.सी., द्वितीय, दीपा सैनी, सिविल जज (क.प्र.),एफ.टी.सी.,प्रथम, शिवजी यादव, अपर सिविल जज (क.प्र.), सादाबाद, मिताली सोनकर उपस्थित रही। अपर जनपद न्यायाधीश, नोडल अधिकारी, लोक अदालत, महेन्द्र श्रीवास्तव द्वारा उपस्थित समस्त न्यायिक अधिकारीगण से न्यायालयों द्वारा अब तक पक्षकारों को जारी किये गये नोटिसों की माॅनिटरिंग की गयी तथा तामीला की स्थिति तथा लोक अदालत में निस्तारण हेतु तैयार वादों के सम्बन्ध में जानकारी की गयी। नोडल अधिकारी द्वारा समस्त न्यायिक अधिकारीगण को इस राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालय में लम्बित ऐसे वाद जिनका निस्तारण सुलह समझौते के आधार पर किया जा सकता है उनमें अधिक से अधिक संख्या में नोटिस पक्षकारों को भेजने के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश दिये गये। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे वाद जो काफी पुराने हैं, उनका निस्तारण शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर सुलह-समझौते के माध्यम से करने का प्रयास करें। जिससे इस राष्ट्रीय आयोजन को सफल बनाया जा सके।