हाथरस। भारतीय जनता पार्टी जिला कार्यालय हाथरस पर भाजपा जिलाध्यक्ष शरद माहेश्वरी द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चिन्तक और संगठनकर्ता, भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष पंडित दीनदयाल उपाध्याय के छवि चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पार्चन कर जयंती बनाई गई और इसके साथ – साथ जनपद हाथरस के 15 मंडलों के प्रत्येक बूथ पर जयंती को मनाया गया | इस अवसर पर जिलाध्यक्ष भाजपा शरद माहेश्वरी ने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितम्बर 1916 को मथुरा जिले के “नगला चन्द्रभान” ग्राम में हुआ वर्ष 1937 में जब वह कानपुर से बी०ए० कर रहे थे, तभी वह सहपाठी बालूजी महाशब्दे की प्रेरणा से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सम्पर्क में आये, संघ के संस्थापक डॉ० हेडगेवार का सान्निध्य कानपुर में ही मिला, उपाध्याय जी ने पढ़ाई पूरी होने के बाद संघ का दो वर्षों का प्रशिक्षण पूर्ण किया और संघ के जीवनव्रती प्रचारक हो गये एवं आजीवन संघ के प्रचारक रहे, 21 अक्टूबर 1951 को डॉ० श्यामाप्रसाद मुखर्जी की अध्यक्षता में ‘भारतीय जनसंघ’ की स्थापना हुई, वर्ष 1952 में इसका प्रथम अधिवेशन कानपुर में हुआ, उपाध्याय जी इस दल के महामंत्री बने , वर्ष 1967 तक उपाध्याय जी भारतीय जनसंघ के महामंत्री रहे, 1967 में कालीकट अधिवेशन में उपाध्याय जी भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुए, दीनदयाल उपाध्याय जनसंघ के राष्ट्रजीवन दर्शन के निर्माता माने जाते हैं, उनका उद्देश्य स्वतंत्रता की पुनर्रचना के प्रयासों के लिए विशुद्ध भारतीय तत्व-दृष्टि प्रदान करना था, उन्होंने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए एकात्म मानववाद की विचारधारा दी, उन्हें जनसंघ की आर्थिक नीति का रचनाकार माना जाता है उनका विचार था कि आर्थिक विकास का मुख्य उद्देश्य सामान्य मानव का सुख है एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वदेशी के भी बहुत बड़े समर्थक थे, उनका कहना था कि भारत के लिए एक स्वदेशी आर्थिक मॉडल विकसित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है जिसमें व्यक्ति केंद्र में हो, उन्होंने देश की आर्थिक व्यवस्था के लिए ‘भारतीय अर्थ नीति का अवमूल्यन’ और ‘भारतीय अर्थ नीति: विकास की एक दिशा’ नाम की पुस्तक भी लिखी थी | इस अवसर पर हरीशंकर राना, हरीश सेंगर, विष्णु बघेल, भूपेंद्र कौशिक, धर्मेन्द्र उपाध्याय, योगेन्द्र सिंह गहलौत, विपुल सिघानियाँ सचिन वर्मा, डमवेश चक आदि भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे |