हाथरस। उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के आदेशानुसार जनपद न्यायाधीश, अध्यक्ष, सतेन्द्र कुमार के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस के तत्वाधान में दिनांक 14 सितम्बर, 2024 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक वादों के निस्तारण हेतु अपर जनपद न्यायाधीश, नोडल अधिकारी महेन्द्र श्रीवास्तव की अध्यक्षता में व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हाथरस के प्रभारी सचिव, मुन्नालाल की उपस्थिति में न्यायिक अधिकारीगण के साथ बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, जयहिन्द कुमार सिंह, सिविल जज (व.प्र.) मुन्नालाल, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, हाथरस, दीपक नाथ सरस्वती, सिविल जज(व.प्र.), एफ.टी.सी., हाथरस, अनु चैधरी, सिविल जज (क0प्र0) श्रुति त्रिपाठी, अपर सिविल जज (क.प्र.), हर्षिका रस्तोगी, अपर सिविल जज (क.प्र.), अनिष्का चैधरी, सिविल जज (क.प्र.), एफ.टी.सी., द्वितीय, दीपा सैनी, सिविल जज (क.प्र.),एफ.टी.सी., प्रथम, शिवजी यादव एवं बाह्य न्यायालय सादाबाद से अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सादाबाद, आशीष थिरानियाॅ व अपर सिविल जज (क.प्र.), सादाबाद, मिताली सोनकर एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट, सिकन्द्राराऊ अभिषेक चैधरी उपस्थित रहे। अपर जनपद न्यायाधीश, नोडल अधिकारी, लोक अदालत, महेन्द्र श्रीवास्तव द्वारा समस्त मजिस्ट्रेट न्यायालयों द्वारा अब तक पक्षकारों को जारी किये गये नोटिसों की माॅनिटरिंग की गयी तथा तामीला की स्थिति की जानकारी की गयी। नोडल अधिकारी द्वारा समस्त मजिस्ट्रेट न्यायालयों को लम्बित वादों के सापेक्ष कम संख्या में नोटिस जारी होने के सम्बन्ध में समस्त न्यायिक अधिकारीगण को अधिक से अधिक संख्या में नोटिस जारी करने के सम्बन्ध में निर्देशित किया गया तथा समस्त न्यायिक अधिकारीगण को इस राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालय में लम्बित ऐसे वाद जिनका निस्तारण सुलह समझौते के आधार पर किया जा सकता है उनमें अधिक से अधिक संख्या में नोटिस पक्षकारों को भेजने के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश दिये गये। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे वाद जो काफी पुराने हैं, उनका निस्तारण शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर सुलह-समझौते के माध्यम से करने का प्रयास करें। जिससे इस राष्ट्रीय आयोजन को सफल बनाया जा सके।