सिकन्दराराव/हाथरस। जिले भर में हो रहे राशन घोटालों की गर्दन पर समाज और कर्मयोग सेवा संघ के कसते शिकंजे से भ्रष्ट राशन डीलरों व अधिकारियों की बौखलाहट अब सामने आने लगी है।
जांच को लटकाए रखने के बाद 20 जुलाई से प्रस्तावित संगठन के द्वितीय चरण के धरने को लेकर सजग प्रशासन ने 10 जुलाई को डाक द्वारा पत्र भेजकर विवेकशील राघव को 14 जुलाई को कार्यालय में आकर जाँच देखने को बुलाया था।
जाँच देखकर विवेकशील राघव ने उपजिलाधिकारी तथा पूर्ति निरिक्षिका से असहमति व असंतोष व्यक्त किया तथा अन्य राशन डीलर के विरुद्ध जनता के बयान पूर्ति निरिक्षिका को दर्ज कराए।
विवेकशील राघव ने बताया कि मैं पीड़ित पक्ष के साथ जब लंबित जाँच के संदर्भ में कुछ शपथपत्र पूर्ति निरिक्षिका को देने गया तो वहाँ पूर्ति निरिक्षिका के बुलावे पर पहले से मौजूद राशन डीलरों में से एक ने अपनी बौखलाहट दिखाते हुए मुझे व मेरे साथियों को पूरे प्रभाव में लेने का प्रयास किया। गुण्डई, नेतागिरी और अपने ताकतवर होने का अहसास कराया गया। 3 दिन में हमें और शिकायतकर्ताओं को निपटाने का दावा भी किया गया। किसी बन्धु ने इस घटना को अपने कैमरे में कैद किया और हमें भेजा, जिसके बाद हमने महेश पुंढीर, सी. पी. शर्मा तथा हिमांशु दीक्षित आदि अधिवक्ताओं के साथ उक्त के राशन डीलर के विरुद्ध उपजिलाधिकारी को शिकायत दी। जिसे कोतवाली सिकन्दराराव दे दिया गया तथा राशन घोटालों की जाँच तहसीलदार सिकन्दराराव को दी गई है।