हाथरस। नेहरू युवा केंद्र हाथरस के निर्दशानुसार गांव एहन में श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की जयंती मनाई गई।डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के छाया चित्र पर पुष्प चढ़ाकर उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला। नेहरू युवा केंद्र के स्वयंसेवक रॉकी चौहान व विशाल भारद्वाज डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के छाया चित्र पर पुष्प चढ़ाकर उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला। रॉकी चौहान ने कहा कि मुखर्जी जी ने 21 अक्टूबर को भारतीय जनसंघ की स्थापना की मुखर्जी जी इसके पहले अध्यक्ष बने उन्होंने कश्मीर को विशेष दर्जा और एक एक विधान दो निशान का विरोध किया उन्होंने कश्मीर को लेकर एक नारा दिया। और कहां की एक देश दो निशान-दो प्रधान नही चलेंगे।उन्होंने स्वेच्छा से अलख जगाने के उद्देश्य से राजनीति में प्रवेश किया।पर विडंबना यह रही कि तत्कालीन (सरकार)सत्ता के खिलाफ जाकर सच बोलने की जुर्रत करने वाले श्यामा प्रसाद मुखर्जी को इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। और उससे भी बड़ी विडंबना की बात यह है कि आज भी देश की जनता उनकी रहस्यमयी मौत के पीछे का सच जानने में नाकामयाब रही। उन्होने जो भी किया देश के लिए किया।उन्होने धारा 370 का काफी विरोध किया और मातृभूमि के लिए अपने जीवन का बलिदान तक दे दिया। डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने अपनी अंतिम सांसे जम्मू कश्मीर में लीं। जिस धारा 370 का विरोध उन्होंने उस समय किया और अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए आज उनके इस अधूरे सपने को यशश्वी प्रधानमंत्री मोदी जी ने धारा 370 हटाकर उनका सपना साकार किया।हम सब देशवासी उनके इस बलिदान को कभी नहीं भूल पाएंगे। इस मौके पर संदीप सिसोदिया पूर्व महामंत्री भाजपा, ललित चौहान,कुक्कु भईया,हिमांशु, रवि, प्रभात, सेंकी, मोहित आदि मौजूद रहे।